IPC 182 in Hindi – आईपीसी धारा 182 क्या है पुरी जानकारी

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 182 क्या होती है। (What is IPC section 182 in Hindi), आईपीसी धारा 182 में कैसे इसमें सजा सुनाई जाती है, आईपीसी धारा 182 कैसे जमानत होती है, (How is punishment and bail in IPC section 182 in Hindi) कैसे इस अपराध को करने से बचा जा सकता है। यह धारा क्या कहती है (What does IPC section 182 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे स आप आर्टिकल लास्ट तक पढ़ते रहना।

अक्सर देखते है कि अगर कोई दो व्यक्ति में किसी बात को लेकर कोई अनबन या बहस चल रही हो तो कोई तीसरा व्यक्ति आकर किसी एक व्यक्ति को भड़काने की कोशिश करता है। उसे गलत जानकारी देता है या उसे कुछ गलत करने के लिए उकसाता है। उसका भले ही उन दोनों से कुछ लेना देना नहीं हो मगर फिर भी उकसाता है।

IPC 182 in Hindi

आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे और देखेंगे कि कैसे किसी लोक सेवक को गलत जानकारी देकर उससे गलत काम करवाने पर क्या होता है। कैसे सजा सुनाई जाती है तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है। क्यूंकि में आपको बेहतर तरीके से समझने का कोसिस करूँगा।

आईपीसी धारा 182 क्या है (What is IPC section 182 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता कि धारा 182 के अनुसार जो कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को ऐसी जानकारी या सूचना देता है जिसका गलत होने का उसे ज्ञान है, इस आशय से देगा कि वह उस लोक सेवक को प्रेरित करें की वह –

  • ऐसा कोई काम करे जिससे वह लोक सेवक यदि इस संबंध में जिसके बारे में सूचना दी गई हो , वो सही होती तो वो यह काम नहीं करता,
  • ऐसे किसी लोक सेवक की विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग करें, जिसके इस्तेमाल से किसी व्यक्ति को चोट या कोई नुक़सान पहुंचे ऐसे व्यक्ति पर धारा 182 लागू होता है।

आसान भाषा में कहें तो कोई जूठी खबर देना या पुलिस में कोई जूठा कैस दर्ज करवाना IPC section 182 में आती है।

 Example:  विमला पुलिस में एक केस दर्ज करवा ती है कि उसके पड़ोसी ने उसके साथ छेड़छाड़ की, पुलिस केस दर्ज कर लेती है जब लड़की को कुछ दिन बाद दर्ज कराई गई रिपोर्ट को साबित करने को बोला जाता है तब विमला मना कर देती है कि उसे कोई केस नहि लड़ना वह अपनी रिपोर्ट वापस लेना चाहती है।

तब पुलिस असमजन्स में पड़ जाती है और लड़की पर शक करने लगती है। जब पुलिस कैस की जांच करती है तब पता चलता है कि विमला जूठी रिपोर्ट लिखवाई है तब पुलिस विमला को गिरफ़्तार कर लेती है जब विमला को कोर्ट में पेश किया जाता है तब न्यायालय उसे उचित दंड देकर दण्डित करती है।

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आईपीसी धारा 182 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 182 in Hindi)

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 182 के अनुसार किसी लोक सेवक को गलत जानकारी देना ताकि वह किसी भी व्यक्ति की चोट को उसकी विधिसम्मत शक्ति का उपयोग कर सके ऐसे व्यक्ति को 6 माह की कारावास और आर्थिक जुर्माना लगा कर दण्डित किया जाता है।

यह एक गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है इस अपराध के तहत गलत जानकारी देना किसी लोकसेवक को जिससे वह प्रेरित होकर किसी व्यक्ति की चोट या नुक़सान का प्रयोग कर उस व्यक्ति का उपयोग करें ऐसे व्यक्ति को 6 माह की कारावास लगा कर दण्डित किया जाता है।

आईपीसी धारा 182 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 182 in Hindi)

IPC Section 182 के अनुसार किसी लोक सेवक को गलत जानकारी देना ताकि वह किसी भी व्यक्ति की चोट को उसकी विधिसम्मत शक्ति का उपयोग कर सके ऐसे व्यक्ति को 6 माह की कारावास लगा कर दंड दिया जाता है। इस अपराध में किसी व्यक्ति को कोई गम्भीर चोट नहीं लगती तो ऐसे में यह अपराध ज़मानती अपराध है। यह अपराध समझौता योग्य करने नहीं है।

यह एक गैर-संज्ञेय अपराध है, इसमें किसी भी आरोपी को आसानी से ज़मानत मिल जाती है मगर किसी भी व्यक्ति को जमानत लेने के लिए एक वकील की ज़रूरत लगती है जो उसे निर्दोष साबित कर सके। किसी भी अपराध में एक ऐसे वकील को नियुक्त करना चाहिए जो आसानी से ज़मानत दिलवा सकता है।

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धारा 182 के अपराध में रिपोर्ट दर्ज कैसे करवाए

वैसे तो IPC Section 182 में यह अपराध ज्यादा गंभीर नहीं है, मगर समझौता करने योग्य भी नहीं है। ऐसे अपराध को Case दर्ज़ करवाने के सबूत की जरूरत लगती है। ऐसे मामलों में पुलिस केस दर्ज करने में आनाकानी करती है क्यूंकि यह ज्यादा गंभीर अपराध नहीं होता है। अगर पुलिस केस दर्ज करने से मना करती है तो शहर के एसपी या डीएसपी से शिकायत कर सकते हैं। शिकायत करने का तरीका ईमेल या डाक के जरिए किया जा सकता है।

 Note:  दोस्तों IPC Section 182 से बचने का एक ही तरीका यह है कि कोई जूठी बात ना फैलाए, जो सच हो वहीं बात करे, ऐसा करने से आपका ही नुक़सान होगा इसीलिए कोसिस करे की आप हमेशा सही बात को फैलाये और झूठी बातों से दूर रहे।

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इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि कैसे किसी जूठ को बोलने या गलत जानकारी देना पर क्या सजा सुनाई जाती है। यानी की ईपीसी धारा 182 क्या होती है। (What is IPC section 182 in Hindi), आईपीसी धारा 182 कैसे इसमें सजा सुनाई जाती है, आईपीसी धारा 182 में कैसे जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 182 in Hindi) किस तरह केस दर्ज करा सकते हैं, किस तरह बचा जा सकता है कोई अपराध करने से।

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