आईपीसी धारा 73 क्या है – IPC Section 73 in Hindi – पूरी जानकारी

आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 73 क्या है (What is IPC section 73 in Hindi), आईपीसी धारा 73 में कैसे अपराध होता है, कितनी सजा सुनाई जाती है, (Punishment and Bail in IPC Section 83) जमानत होती है या नहीं, अगर जमानत होती है तो कैसे होती है, एक वकील की ज़रूरत कब लगती है, इस अपराध को करने से कैसे बचा जा सकता है। यह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 73 क्या कहती है (What does IPC section 73 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से समझाने की कोशिश करेंगे।

जब भी किसी अपराधी को किसी अपराध के लिए सजा सुनाई जाती हैं, उससे पहले उसे एक सजा सुनाई जाती है, जिसमें अपराधी को कुछ वक्त के लिए अकेला एकदम एकांत स्थान में रखा जाता है। जहाँ उसे किसी ओर से बात या कुछ ओर करने की अनुमति नहीं होती है, एकदम अंधेरे में रखा जाता है। यह सजा न्यायालय द्वारा निश्चित की जाती हैं की किस अपराधी को कितनी एकांत वाली सजा दी जानी है। इस सजा का प्रावधान भारतीय दण्ड संहिता में बताया गया है जिसके अनुसार ही अपराधी को सुनाई जाती है।

तो आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे और देखेंगे कि एकांत परिरोध क्या है। कैसे इसमें सजा सुनाई जाती है, कितने दिन की होती है। यह सभी बातें हम भारतीय दण्ड संहिता की धारा 73 (IPC section73 in Hindi) में बहुत ही विस्तार से समझाने कि कोशिश करेंगे तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है।

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आईपीसी धारा 73 क्या है (What is IPC section 73 in Hindi)

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 73 के अनुसार कभी किसी व्यक्ति को ऐसे अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है जिसके लिए न्यायालय को इस संहिता के अंतर्गत उसे कठिन कारावास से दंडित करने की शक्ति है, तो न्यायालय अपने दंडादेश द्वारा आदेश दे सकेगा कि अपराधी को उस कारावास के जिसके लिए उसे दंडित किया गया है, किसी भाग या भागों के लिए, जो कुल मिलाकर तीन मास से अधिक न होंगे, निम्न आदेशों के अनुसार एकांत परिरोध में रखा जाएगा, 

और;

  • यदि कारावास की अवधि छह मास से अधिक न हो तो एक मास से अनधिक समय ;
  • यदि कारावास की अवधि छह मास से अधिक हो और एक वर्ष से अधिक न हो तो दो मास से अनधिक समय ;
  • यदि कारावास की अवधि एक वर्ष से अधिक हो तो तीन मास से अनधिक समय के लिए एकांत परिरोध में रखा जाता है।

आसान भाषा में समझाने की कोशिश करें तो किसी भी व्यक्ति को यदि कोई कठीन सजा सुनाने से पहले उसे एकांत परिरोध की सजा सुनाई जाती हैं।

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इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि एकांत परिरोध क्या है, कैसे इसमें सजा होती हैं, कितने समय के लिए सजा सुनाई जाती है।  इस धारा से संबंधित सारी जानकारी हमने आपको भारतीय दण्ड संहिता की धारा 73 (IPC section 73 in Hindi) में बहुत ही विस्तार और आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है।

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