दोस्तों आज की इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा की आईपीसी धारा 338 क्या है (IPC 338 in Hindi) इसकी पूरी जानकारी दूंगा और ये भी बताऊंगा की IPC की धारा 338 में सजा और जमानत कैसे होती है (How is Section 338 punishment and bail of IPC in hindi) और भी बहुत कुछ की जानकारी देंगे इसीलिए ये आर्टिकल पूरा धेयान से पढ़ना।
दोस्तों हर स्टूडेंट का सपना होता है की अपने ज़िन्दगी को बेहतर बनाये पढ़ लिख कर ताकि अपने घर वालों को हर चीज का सपना पूरा कर पाएं और वही सोच से कई सारे student अपने पढाई को बेहतर तरीके से करते है और आगे चल के अपने माँ बाप का नाम रोशन करते है लेकिन कई बार एशा होता है की कुछ लोग बिना मतलब के हमारे घर वालों पे गलत तरीके से चोट पहुंचाने का कोसिस करते है।
लेकिन जब हमलोग कमजोर पड़ जाते है तो वे सारे लोग बार बार हमारे घर वालों पे गलत तरीके से कुछ करते है जिसके कारण हमलोग संकट में आ जाते है इसीलिए हर student को या जो एक इन्शान है उसे कानून की थोड़ी बहुत जानकारी लेनी चाहिए। क्यूंकि जब हमारा कोई साथ नहीं देता है तो हमारा कानून हमें साथ देता है यानी कानून का प्रयोग करते है और उसके साथ कानून से लड़ाई करते हैं।
क्यूंकि कानून से लड़ाई करने पर हमें वो पूरी ताकत देती है जो हर इन्शान के पास होता है लेकिन जीतता वही है जो गुनेगार नहीं होता है इसीलिए आज आईपीसी धारा 338 क्या है (IPC 338 in Hindi) इसकी पूरी सही जानकरी दूंगा जिसका प्रयोग करके आप अपराध को कड़ी सजा दिला सकते हैं।
आईपीसी धारा 338 क्या है (What is IPC 338 in Hindi)
दोस्तों अब बात करते हैं की आईपीसी धारा 338 क्या है (What is IPC 338 in Hindi) तो सबसे पहले भारतीय दंड संहिता 338 के अनुशार अगर कोई इन्शान एशा काम करता है जिससे किसी इन्शान को खतरा हो सकता है यानी की उसे चोट पहुंच सकता है तो इसतरह के कामो से उस इन्शान पे IPC Section 338 अप्लाई होगा। खेर में आपको ओर आसानी तरीके से समझाने का कोसिस करता हूँ।
अगर कोई व्यक्ति कुछ काम करता है यानी एशा काम करता है जिससे किसी दूसरे व्यक्ति पर उसका गलत प्रभाव पड़ सकता है यानी की उस व्यक्ति पर किसी भी तरह से व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, या उस काम से किसी व्यक्ति को शारारिक चोट पहुँचता हो ऐसे कामो पर IPC की धरा 338 अप्लाई होगी यानी की इसका शिकायत जब आप करोगे तो पुलिस वाला भारतीय दंड संहिता की धारा 338 का केस दर्ज करेगा।
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Example: मान लीजिये की एक शयाम है और दूसरा राम है तो शयाम ने अपने घर के पास एक कुआँ खुदाई की लेकिन वो कुआँ एशा जगह था जो बच्चो के लिए खतरा था यानी की राम के बच्चो के लिए खतरा साबित हो सकता था तो राम ने शयाम को कहा की ये कुआँ की खुदाई मत करो क्यूंकि ये मेरे लिए सही नहीं है।
तो अगर वो बात से नहीं मानता है तो राम थाना में case दर्ज करता है तो police उसपर IPC Section 338 apply करता है क्यूंकि शयाम के काम से राम के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा का खतरा था इसीलिए राम पर IPC Section 338 apply होगा।
आईपीसी धारा 338 में सजा का प्रवधान (Punishment in IPC Section 338 in Hindi)
दोस्तों अब बात करते है की आईपीसी धारा 338 में सजा का प्रवधान क्या है तो में आपको बताना चाहता हूँ की अगर कोई अपराध इस तरह का काम करता है तो उसपे IPC Section लागू होगा और उसे 1 साल से 2 साल तक का जेल हो सकता है और साथ ही 1000 तक का जुरमाना भी लग सकता है।
Note: मान लीजिये की कोई जाएदा बड़ा नुक्सान करता है तो ऐसे situation में पुलिस उसपर दूसरा IPC की section लगा सकती है या फिर कोर्ट अपराध को और कड़ी सजा दे सकती है अगर एशा होता है तो।
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आईपीसी धारा 338 में जमानत का प्रवधान (Bail in IPC Section 338 in Hindi)
दोस्तों अब बात करते है की आईपीसी धारा 338 में जमानत का प्रवधान क्या है तो आईपीसी धारा 338 में यह एक जमानती और संज्ञेय अपराध है यानी की इसमें जमानत मिल सकती है बहुत आसानी से इतना भी आसान से नहीं पर यह किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय भी होता है।
अगर मान लीजिये किसी मजिस्ट्रेट को एशा लगता है की ये अपराध आगे चल कर एशा और घिनोना काम कर सकता है तो ऐसे में आपको जमानत नहीं मिल सकता है लेकिन अगर मजिस्ट्रेट को एशा लगता है की ये अपराध अब एशा काम नहीं करेगा तो आपको मजिस्ट्रेट से जमानत मिल सकता है।
अगर और आसानी से जमानत चाहते है तो ये एक समझौता करने योग्य है। यानी की अपराध पीड़ित व्यक्ति के द्वारा समझौता कर सकता है। यानी पीड़ित व्यक्ति से आप समझौता कर सकते है और बहुत आसानी से जमानत ले सकते हैं लेकिन अगर पीड़ित व्यक्ति समझौता नहीं करता है तो आपको ये case लड़ना होगा।
Note: अगर ये केस बड़ा बनता है तो आपको एक अच्छा वकील की जरुरत पड़ेगा क्यूंकि इस केस से आपको सिर्फ आपके वकील ही निकाल सकता है तो आपको एक अच्छा सा lawyer को hire करना है और आपको अच्छे से केस लड़ना है इसके बाद आप इस केस को जित सकते है।
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Conclusion
तो दोस्तों हमने इस आर्टिकल के तहत आपको पुरी जानकारी देने की कोशिश की है कि कैसे इस धारा में क्या अपराध होती है। (What is IPC 338 in Hindi) कैसे जमानत होती है, कैसे बचा जा सकता है। (How is punishment and bail in IPC section 338 in Hindi) ऐसे अपराध को भारतीय दंड संहिता में यानी की IPC Section 338 में एक अपराध माना जाता है। बहुत कुछ बताने का कोसिस किया हूँ अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगता हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करना।