IPC 380 in Hindi – आईपीसी धारा 380 क्या है। पुरी जानकारी

दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 380 क्या है। (What is IPC section 380 in Hindi) कैसे इसमें सजा और जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 380 in Hindi) यह धारा क्या कहती है। (What does IPC section 380 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानने कि कोशिश करेंगे तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है।

अक्सर हम देखते हैं कि आए दिन चोरी होती रहती है किसी के घर में, किसी स्कूल में, किसी मंदिर में कोई ऐसी जगह नहीं जहां चोर चोरी नहीं कर सकता। कई बार तो चोर चोरी करते वक्त किसी निर्दोष व्यक्ति को चोट भी पहुंचा देता है अगर वो व्यक्ति चोर को चोरी करने से रोकता है तो।

IPC 380 in Hindi

आजकल तो चोर काफ़ी बड़ी बड़ी चोरी करते हैं जैसे किसी सोने चांदी की दुकान को लूट लेते हैं या किसी बैंक में डाका डाल देते हैं। आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे की कैसे चोरी करने पर क्या सजा होती है, कैसी चोरी पर यह धारा लगाई जाती है। यह धारा में कैसे जमानत होती है। सब कुछ बताएंगे बस आर्टिक्ल पूरा पढ़ना। 

आईपीसी धारा 380 क्या है। (What is IPC Section 380 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता कि धारा 380 के अनुसार यदि कोई किसी ऐसी इमारत या तम्बू जो मानव निवास के उपयोग में आता हो, उसमे चोरी करता है तो ऐसे व्यक्ति को 7 वर्ष की कारावास और आर्थिक जुर्माना लगा कर दंडित किया जाता है। यह एक गैर जमानती अपराध है किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। 

किसी भी ग़ैर कानूनी तरह से चोरी करना एक गंभीर अपराध है, किसी मंदिर या किसी ऐसी जगह जो मानव निवास के लिए उपयोग में आती हो ऐसी जगह चोरी करना एक बड़ा अपराध माना गया है।

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 Example:  कमलेश का घर मंदिर के पास है, तो कमलेश किसी दिन मंदिर मे रखी मूर्ति को चोरी करने का सोचता है और मौका पाकर वह रात में जाता है चोरी करने, जब चोरी कर रहा होता है रात में तो कोई उसे देख लेता है और वह आदमी बाकी आस पास के लोगो को बता कर पुलिस को बुलवा लेता है।

मौके पर पुलिस आ जाती है और कमलेश को गिरफ़्तार कर लेती है, जब कमलेश को कोर्ट में पेश किया जाता है तो न्यायालय उसे 7 वर्ष की कारावास और आर्थिक जुर्माना लगा कर दंडित करती है।

धारा 380 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 380 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता कि धारा 380 के अनुसार यदि कोई किसी ऐसी इमारत या तम्बू या ऐसी कोई जगह जो मानव निवास के उपयोग में आती हो तो ऐसे आरोपी को 10 वर्ष की कारावास और आर्थिक जुर्माना लगा कर दंडित किया जाता है।

किसी कानूनी जगह पर चोरी करना एक बड़ा अपराध है। इसमें आरोपी को बच पाना मुश्किल होता है। किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है यह एक संज्ञेय अपराध है, समझौता करने योग्य नहीं है।

धारा 380 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 380 in Hindi)

IPC Section 380 के अनुसार चोरी करना एक ग़ैर जमानती अपराध है। जिसमें किसी भी आरोपी को ज़मानत मिलना काफ़ी मुश्किल होता है। यह काफ़ी गंभीर अपराधों में से एक अपराध माना जाता है। ऐसे मामलों में न्यायालय काफ़ी सोच विचार कर निर्णय लेती है ताकि आगे चलकर कोई ओर चोरी ना हो सकें। अगर उसे आसानी से ज़मानत दे दी जाएगी तो वो ऐसे चोरी दोबारा करने को सोचेगा और शायद कर भी ले।

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धारा 380 में एक वकील की ज़रूरत क्यों होती है।

भारतीय दंड संहिता के अनुसार यह एक गैर जमानती अपराध है तो ऐसे में किसी भी आरोपी को एक वकील ही बचा सकता है। ऐसे में अगर आरोपी उच्च न्यायालय में अपने जमानत की याचिका दायर करता है तो उसकी याचिका को निरस्त कर दिया जाता है।

यह काफ़ी संगीन अपराध है किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। ऐसे में आरोपी को एक वकील ही जमानत दिलवा सकता है जो अपने क्षेत्र में निपुण हो और आरोपी को निर्दोष साबित कर सकता हो।

 Note:  इस धारा से बचने का तरीका यह है कि चोरी नहीं करें अगर चोरी करने में सफल नही हुए तो आपका ज्यादा नुक़सान हों सकता है। चोरी छोटी हो या बड़ी अगर करते हुए पकड़े गए तो आसानी से बच पाना मुश्किल हो जाता है। कोर्ट के कई चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।

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इस आर्टिकल में हमने पुरी कोशिश की है कि आपको आसान भाषा में समझाए और बताए की आखिर आईपीसी धारा 380 क्या है (What is IPC 380 in Hindi) आईपीसी धारा 380 में सजा और जमानत कैसे होती है (How is punishment and bail in IPC section 380 in Hindi) कैसे इससे सजा सुनाई जाती है। क्यों इस धारा में जमानत मिलना मुश्किल होता है। कैसे बचा जाए, कैसे न्यायालय फैसला लेती है।

अगर आपको लगता है कि यह सब लोगों का इस धारा के बारे में जानना जरूरी है तो अपने साथियों के साथ जरूर शेयर करें और उन्हें ऐसा कुछ कार्य करने से बचाएं।

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