दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 100 क्या है (What is IPC section 100 in Hindi), कैसे इसमें सजा सुनाई जाती है, (Punishment in IPC section 100 in Hindi) आईपीसी धारा 100 में किस तरह जमानत का प्रावधान है, कैसे अपराध करने से बचा जा सकता है। यह धारा क्या कहती है (What does IPC section 100 says in Hindi), ब कुछ विस्तार से जानेंगे इसलिए आप ये आर्टिकल लास्ट तक पढ़ते रहना।
अक्सर देखते है कि अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति पर हमला कर देता है तो वो व्यक्ति खुद को बचाने की कोशिश करता है, ऐसे में जाहिर है कि हमला करने वाले व्यक्ति को कोई चोट या नुक़सान तो होता ही है। ऐसे में हमला करने वाला व्यक्ति को कोई गम्भीर चोट भी लग जाती है या मृत्यु भी हो जाती है।
आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे कि कैसे खुद को बचाने पर हमला करने वाले व्यक्ति को कोई चोट पहुंचाने पर क्या होता है, किस तरह खुद को बचा सकते हैं तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है। इसके बाद आपको हर चीज अच्छे से समझ में आएगा।
आईपीसी धारा 100 क्या है (What is IPC Section 100 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता कि आईपीसी धारा 100 के अनुसार, भारत में रह रहे हर एक नागरिक का भारत पर समान भागीदारी होती है, और इस भागीदार के अंतर्गत भारत के हर एक व्यक्ति की जिम्मेदारी भारत सरकार या राज्य सरकार का होता है। मगर सरकार हर एक व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकती है। इसलिए IPC Section 100 के अनुसार हर एक नागरिक को खुद की रक्षा करने का प्रावधान दिया गया है।
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आईपीसी धारा 100 हर एक व्यक्ति के अधिकार की बात करती है जिसके अंतर्गत व्यक्ति खुद की रक्षा के लिए किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु का कारण हो सकता है। इस धारा के अनुसार निम्न विधि इस प्रकार है:
- ऐसा हमला जो उचित रूप से यह दर्शाता हो की ऐसे हमले का परिणाम मृत्यु है।
- ऐसा हमला जो उचित रूप से यह दर्शाता हो की ऐसे हमले का परिणाम घोर उपहति होगा।
- बलात्कार करने के आशय से किया गया हमला
- अपहरण करने के आशय से किया गया हमला
- तेजाब फेंकने के कार्य या प्रयास करने के आशय से किया गया हमला
- इस आशय से किया गया हमला कि किसी व्यक्ति का ऐसी परिस्थितियों में डाला जाए, जिनसे उसे उचित रूप से यह आशंका हो कि वह अपने को छुड़वाने के लिए लोक प्राधिकारियों की सहायता प्राप्त नहीं कर सकेगा” ।
धारा 100 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 100 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता कि धारा 100 के अनुसार खुद को किसी भी हमले से बचाने के लिए हमलावर पर वार करना कोई अपराध नहीं माना जाता बल्कि यह एक अधिकार है। जिसमे हमलावर से खुद को बचाने के हमलावर पर वार करने पर किसी भी व्यक्ति को कोई सजा नहीं सुनाई जाती है। उसे खुद की रक्षा करने के दायरे से खुद पर लगे आरोप से बरी कर दिया जाता है।
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धारा 100 में एक वकील की ज़रूरत क्यों होती है।
भारतीय दंड संहिता कि धारा 100 के अनुसार यह धारा हर एक व्यक्ति को अधिकार प्रदान करता है, इसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति खुद को बचाने के लिए किसी व्यक्ति पर हमला करता है उसमे उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है मगर उसका मकसद उस व्यक्ति को मारने का नहीं था किन्तु उसे खुद को बचाने के ऐसा करना पड़ा ऐसे व्यक्ति को न्यायालय कुछ सजा नहीं सुनाती है।
लेकिन इस बात की जानकारी के लिए आपको एक ऐसे वकील की आवश्यकता होती है, जो आपको आपके अधिकार के बारे में जागरूक कर सके, क्योंकि ऐसे अपराध में किसी भी आरोपी का बच निकलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है, इसमें आरोपी को निर्दोष साबित कर पाना बहुत ही कठिन हो जाता है।
ऐसी विकट परिस्तिथि से निपटने के लिए केवल एक वकील ही ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जो किसी भी आरोपी को बचाने के लिए उचित रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है, और अगर वह वकील अपने क्षेत्र में निपुण वकील है, तो वह आरोपी को उसके आरोप से मुक्त भी करा सकता है।
और खुद की जान बचाने के लिए किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनने के मामलों में ऐसे किसी वकील को नियुक्त करना चाहिए जो कि ऐसे मामलों में पहले से ही पारंगत हो, और धारा 100 जैसे मामलों को उचित तरीके से सुलझा सकता हो। जिससे आपके केस को जीतने के अवसर और भी बढ़ सकते हैं।
यह धारा एक प्रकार के अधिकार के बारे में बात करता है, यह हमे हमारे अधिकार दिलाती है खुद की रक्षा करने के लिए
Note: इस धारा में किसी व्यक्ति को कोई सजा नहीं सुनाई जाती है, इसे अपराध नहीं माना जाता बल्कि इसे खुद की रक्षा करने के लिए उपयोग किया जाता है।
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इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि कैसे इस धारा के अनुसार खुद की रक्षा के लिए अधिकार हमे सरकार द्धारा प्रधान किया गया है। जैसा कि इसमें हमने देखा कि इसमें कोई सजा नहीं होती मगर एक वकील की ज़रूरत होती है जो अधिकारों के बारे में सही जानकारी प्रदान कर सकें।
हम उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा की आईपीसी धारा 100 क्या होती है। (What is IPC section 100 in Hindi), आईपीसी धारा 100 कैसे इसमें सजा सुनाई जाती है, आईपीसी धारा 100 में कैसे जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 100 in Hindi) और लाभकारी साबित हुआ होगा अगर आपको पसंद आया है तो अपने साथियों के साथ जरूर शेयर करें।