IPC 394 in Hindi – आईपीसी धारा 394 क्या है पुरी जानकारी

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 394 क्या है। (What is IPC section 394 in Hindi), इसमें कितनी सजा होती है, आईपीसी धारा 45 में कैसे ज़मानत होती है, (How is punishment and bail in IPC section 394 in Hindi) किस तरह केस दर्ज किया जा सकता है, आईपीसी धारा 45 से कैसे अपराध करने से बचा जा सकता है। यह धारा 394 क्या कहती है (What does IPC section 394 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे इसलिए आप ये आर्टिकल लास्ट तक पढ़ते रहना।

अक्सर देखते है कि कोई चोर चोरी करता है या किसी को लूटता है तब अगर सामने वाला व्यक्ति उसे ऐसा करने से रोकता है तो चोर उसे चोट पहुंचाने की कोशिश करता है या उसे चोट पहुंचा देता है, या उसे गंभीर रूप से घायल कर देता है और भाग जाता है। खेर IPC 394 में आपको यही सब के बारे में बताया गया है।

IPC 394 in Hindi

आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे कि कैसे लुट या चोरी करते वक्त किसी को चोट पहुंचाने पर क्या होता है, यह अपराध गंभीर होता है या नहीं, समझौता करने योग्य या नहीं सब कुछ विस्तार से जानेंगे तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है। ताकि आपको अच्छे से समझ में आये।

आईपीसी धारा 394 क्या है (What is IPC Section 394 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता कि धारा 394 के अनुसार यदि कोई लुट या डकैती करने का प्रयास करता है, और स्वेच्छा से चोट पहुँचाता है, तो ऐसे व्यक्ति को, या ऐसे किसी अन्य व्यक्ति को, जो संयुक्त रूप से इस डकैती को अंजाम देने या करने का प्रयास करता है, ऐसे व्यक्ति पर धारा 394 लागू होता है, उस व्यक्ति को इस धारा के अनुसार दंड दिया जाता है।

यह एक गंभीर अपराध माना जाता है, इस अपराध के अंतर्गत किसी व्यक्ति को काफ़ी गंभीर चोट लगने का संभावना रहता है। ऐसे मामलों में न्यायालय काफ़ी सोच विचार कर निर्णय लेती है। आये हमलोग एक एक्साम्पल से समझते है।

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 Example:  विजय के घर में कुछ चोर घुस जाते हैं, विजय दुसरे कमरे में सो रहा होता है, जब उसे लगता है कि पास वाले कमरे में कोई है तो वह देखने जाता है तब चोर उसे देखकर उसे पकड़ लेते हैं और उसे चिल्लाने से रोकते हैं, जब विजय ज्यादा जबरदस्ती करता है तब चोर उसके सिर पर लकड़ी से वार कर देता है, विजय उसी समय बेहोश हो जाता है।

मगर विजय उन चोर में से किसी एक व्यक्ति को पहचान लेता हैं। अगले दिन जब विजय पुलिस स्टेशन उस व्यक्ति के नाम कि रिपोर्ट दर्ज करवाता है। तब पुलिस उस व्यक्ति पर धारा 394 के अंतर्गत अपराध दर्ज करती है और उसे ढूंढ कर गिरफ़्तार कर लेती है। जब उन लोगो को कोर्ट में पेश किया जाता है तब न्यायालय उन्हे उचित दंड देकर दंडित करती है।

आईपीसी धारा 394 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 394 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता कि धारा 394 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति लुट करते वक्त किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने का प्रयत्न या फिर कोई चोट पहुंचाता है तो ऐसे व्यक्ति को आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

अगर वह सजा काटते हुए दोबारा ऐसे किसी को चोट पहुंचाने की कोशिश करता है तब उसकी सजा को बढ़ाया जा सकता है जिसकी समय सीमा दस वर्ष तक की हो सकती हैं। यह एक गंभीर अपराध माना जाता है, इसमें अपराध में किसी व्यक्ति को गंभीर चोट लगने की संभावना रहती है।

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आईपीसी धारा 394 में जमानत का प्रावधान (Bail IPC Section 394 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता कि धारा 394 के अनुसार यदि कोई लुट करते वक्त किसी को चोट पहुंचाने का प्रयास करता है तो ऐसे व्यक्ति को उचित दंड देकर दंडित किया जाता है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को जमानत मिलना मुश्किल होता है, चुकी यह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।

किसी भी व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल करना एक संज्ञेय अपराध माना जाता है। यह अपराध में किसी को गंभीर चोट लगती है तो मजिस्ट्रेट काफ़ी सोच विचार कर निर्णय लेती है ताकि ऐसा कोई अपराध दोबारा ना हो सकें।

धारा 394 में एक वकील की ज़रूरत क्यों होती है।

IPC Section 394 के अनुसार यह एक ग़ैर जमानती अपराध है, जिसमें किसी भी आरोपी को ज़मानत मिलना काफ़ी मुश्किल होता है तो ऐसे में उसे एक वकील ही बचा सकता है। जो उसे निर्दोष साबित कर सके और आसानी से ज़मानत दिलवा सकता हो। ऐसे मामलों में एक ऐसे वकील को नियुक्त करना चाहिए जो अपने क्षेत्र में निपुण हो। और आप एशा सोचकर अपराध ना करें की हमारा वकील हमें बचा लेगा चलो अपराध कर लेते है अगर एशा करते है तो आपके साथ बहुत बुरा होगा।

धारा 394 के अपराध में कैसे केस दर्ज करवाया जाए

भारतीय दंड संहिता के अनुसार यह एक संज्ञेय अपराध है तो इसमें पुलिस को केस दर्ज करना ही पड़ता है। फिर भी अगर पुलिस केस दर्ज करने से मना करती है तो शहर के एसपी या डीएसपी से शिकायत कर सकते हैं, शिकायत दर्ज करने का तरीका डाक या ईमेल के जरिए किया जा सकता है।

 Note:  इस धारा से बचने का तरीका यह है कि किसी व्यक्ति के साथ कोई लुट ना करें, उसे कोई चोट पहचाने की कोशिश ना करें, अगर ऐसा करते हैं तो नुक़सान आपका भी होगा, उसके साथ साथ आपको भी कहीं बड़ा नुक़सान होगा तो बेहतर है कि ऐसा कोई काम ना करें और अगर आपका कोई साथी करता है तो कोशिश करे उससे दूरी बनाए रखे।

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दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि ईपीसी धारा 394 क्या होती है। (What is IPC section 394 in Hindi), आईपीसी धारा 394 कैसे इसमें सजा सुनाई जाती है, आईपीसी धारा 394 में कैसे जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 394 in Hindi) कैसे बचा जा सकता है, किस तरह केस दर्ज करवाया जा सकता है, सब कुछ मैंने आपको डिटेल्स में जानकारी दिया ताकि आपको अच्छे से समझ में आये।

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