आईपीसी धारा 155 क्या है सजा | जमानत- IPC Section 155 in Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 155 क्या है (What is IPC section 155 in Hindi), आईपीसी धारा 155 में कैसे अपराध होता है, कितनी सजा सुनाई जाती है, जमानत होती है या नहीं, अगर जमानत होती है तो कैसे होती है, एक वकील की ज़रूरत कब लगती है, इस अपराध को करने से कैसे बचा जा सकता है। यह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 155 क्या कहती है (What does IPC section 155 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से समझाने कि कोशिश करेंगे।

ऐसा कई बार देखने को मिलता है कि यदि किसी व्यक्ति का कोई काम नहीं हो रहा हो या उसकी इच्छा के विरूद्ध हो रहा हो तो वह व्यक्ति उपद्रव करना शुरू कर देता है, किसी को कुछ भी कहने लग जाता है। यदि कोई सरकारी कर्मचारी उसका काम नहीं करता है तो उसे गलत बोलने लगता है या उसे डरा धमकाकर अपना काम करवाने की कोशिश करता है। अपने फ़ायदे के लिए दूसरों को धमकाना शुरू कर देता है।

IPC Section 155 in Hindi

तो आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे और देखेंगे कि वह व्यक्ति जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो का दायित्व क्या है। यह सभी बातें हम भारतीय दण्ड संहिता की धारा 155 (IPC section 155 in Hindi) में बहुत ही विस्तार से समझाने कि कोशिश करेंगे तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है।

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आईपीसी धारा 155 क्या है (What is IPC Section 155 in Hindi)

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 155 के अनुसार जब भी किसी ऐसे व्यक्ति के फायदे के लिए या उसकी ओर से उपद्रव किया जाए, जो किसी भूमि जिसके बारे में ऐसा उपद्रव हो, का स्वामी या अधिवासी हो या जो ऐसी भूमि में या उपद्रव को पैदा करने वाले किसी विवादग्रस्त विषय में कोई हित रखने का दावा करता हो या उससे कोई फायदा स्वीकार या प्राप्त करने वाला व्यक्ति, या उसका अभिकर्ता या प्रबंधक इस बात का विश्वास करने का कारण रखते हुए कि ऐसा उपद्रव किया जाना संभाव्य है या जिस ग़ैरक़ानूनी जनसमूह द्वारा ऐसा उपद्रव किया जाए, उस जनसमूह का होना सम्भाव्य है, अपनी क्षमता और शक्ति अनुसार सब क़ानूनी साधनों का उपयोग कर उस ग़ैरक़ानूनी जनसमूह को बिखरने या उपद्रव को दबाने का निवारण नहीं करता या करते तो ऐसे व्यक्ति को आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा।

आसान भाषा में समझाने की कोशिश करें तो जब भी कोई दंगा लाभ के लिए या किसी ऐसे व्यक्ति की ओर से किया जाता है जो किसी भूमि का मालिक या कब्जा करने वाला हो, जिसके संबंध में ऐसा दंगा होता है या जो ऐसी भूमि में किसी हित का दावा करता है, या किसी ऐसे विवाद के विषय में, जिसने दंगा, या जिसने उससे कोई लाभ स्वीकार किया है या प्राप्त किया है, ऐसा व्यक्ति जुर्माने से दंडनीय होगा, यदि उसके या उसके एजेंट या प्रबंधक के पास यह विश्वास करने का कारण है कि ऐसा दंगा होने की संभावना थी या वह गैरकानूनी सभा जिसके द्वारा ऐसा दंगा हुआ था। ऐसी सभा या दंगा होने से रोकने और उसे दबाने और तितर-बितर करने के लिए क्रमशः अपनी शक्ति के सभी वैध साधनों का उपयोग नहीं करेगा।

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इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि वह व्यक्ति जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो का दायित्व क्या है।  इस धारा से संबंधित सारी जानकारी हमने आपको भारतीय दण्ड संहिता की धारा 155 (IPC section 155 in Hindi) में बहुत ही विस्तार और आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है।

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