IPC Section 360 in Hindi – आईपीसी की धारा 360 क्या है पूरी जानकारी

आज किस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी की धारा 360 क्या हैं (what is IPC section 360  in Hindi), कैसे इसमें अपराध होता है, कितनी सजा होती है, यह अपराध जमानती है या नहीं है और अगर जमानती है तो जमानत कैसे होती है, एक वकील की जरूरत कब लगती है और इस अपराध को करने से कैसे बचा जा सकता है। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 360 क्या कहती है (what does IPC section 360 says in Hindi), इस धारा से जुड़ी सारी जानकारी आपको बताने की कोशिश करेंगे।

अखबार आए दिन खबर आती रहती है जी किसी का अपहरण हो गया है हर दिन किसी ना किसी का अपहरण होता ही रहता है। ऐसे में कहीं बात कुछ मामले बहुत खतरनाक होते हैं जिनका अपहरण होता है वह कहीं बार नहीं मिलते और कहीं बार आसानी से मिल जाते अपहरण के मामलों में सबसे ज्यादा अपहरण बच्चों का ही होता है। कहीं बार बड़े बुजुर्ग का अपहरण भी हो जाता है या किसी अधिकारी या किसी बड़े पैसे वालों का भी अपहरण होता है ऐसे मामलों में अक्सर पैसों की मांग की जाती है या फिर उनसे कुछ काम करवाया जाता है।

कई बार तो दूसरे देश में ले जाने के लिए भी अपहरण होते हैं जहां पर या तो बेच दिया जाता है या फिर काम करवाया जाता है या फिर कोई और खतरनाक मकसद के लिए भी अपहरण किया जाता है। कुछ अपहरण तो ऐसे होते हैं जिसमें व्यक्ति का पता ही नहीं चलता है कभी भी और उन्हें मृत घोषित कर दिया जाता है।

IPC Section 360 in Hindi

तो आज हम आपको ऐसे ही एक धारा के बारे में बताएंगे कि किसी का अपहरण कर भारत की सीमा पर ले जाता है तब क्या होता है। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 360 (IPC section 360 in Hindi) से जुड़ी सारी जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में बहुत विस्तार और आसान भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे तो आपको यह आर्टिकल अंत तक पढ़ना है। Ipc section 140

आईपीसी की धारा 360 क्या है (What is IPC Section 360 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 360 के अनुसार जो कोई किसी अन्य व्यक्ति का उसकी अनुमति के बिना उसका अपहरण कर देता है या फिर उस व्यक्ति की ओर से सहमति के लिए कानूनी रूप से अधिकृत भारत की सीमाओं से प्रवहण कर देता है वह भारत में से उस व्यक्ति का व्यपहरण करता है।

आसान भाषा में समझाने की कोशिश करें तो किसी भी व्यक्ति को भारत में से उठाकर भारत की सीमा से बाहर ले जाने पर भारत में उसे व्यपहरण कहते हैं तथा किसी व्यक्ति को जो ठीक नहीं है या उसके माता-पिता या किसी अन्य विविधपूर्ण संरक्षक की सरक्षता से उठाकर ले जाना वह भी उस संरक्षक की सहमति के बिना।

  Example   विकास नाम का एक व्यक्ति है जो दिव्यांग है। तो ऐसे में उसके पड़ोस का एक व्यक्ति उसे अपनी बातों में बहला-फुसलाकर उसे कहीं ले जाता है और वहां ले जाकर उस व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति के हवाले कर देता है। वह व्यक्ति विकास को एक ऐसी जगह ले जाता है जहां से विकास नहीं घर वापस आ सकता है और ना ही उसे मालूम था कि वह कौन सी जगह है।

भारत में विकास को पता चलता है कि वह व्यक्ति उसे भारत की सीमा से बाहर ले जा रहा है तब विकास वहां से किसी तरह से बच कर भाग जाता है और पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा देता। पुलिस विकास की शिकायत को दर्ज कर लेता है और जिसने विकास को भगवा करने की कोशिश की थी उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेता है। उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ न्यायालय में सुनवाई की जाती है और न्यायालय उसे उचित दंड देकर दंडित करते हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 360 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 360 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 360 का दंड भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के अनुसार दिया जाता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के अनुसार किसी भी व्यक्ति को भारत में से उठाकर भारत की सीमा से बाहर ले जाने वाले ऐसे किसी व्यक्ति को न्यायालय 7 वर्ष की कारावास की सजा और आर्थिक जुर्माना लगाकर दंडित किया जाता हैं।

यह एक संज्ञेय अपराध है और समझौता करने योग्य नहीं है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 360 में जमानत का प्रावधान। (Bail in IPC section 360  in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 360 के अनुसार किसी भी व्यक्ति को भारत में से उठाकर भारत की सीमा से बाहर ले जाने वाले ऐसे किसी व्यक्ति को 7 वर्ष की कारावास की सजा और आर्थिक जुर्माना लगाकर दंडित किया जाता हैं। यह एक गैर जमानती अपराध है, इस अपराध में किसी भी अपराधी को जमानत मिलना काफी मुश्किल होता है।

ऐसे कोई भी गैर कानूनी काम करना भारत में एक बड़ा अपराध माना जाता है। ऐसे में किसी भी अपराधी का बचना काफी मुश्किल होता है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं होता है और किस भी मजिस्ट्रेट द्वारा काफी विचारणीय होता है। ऐसे अपराध में किसी भी अपराधी को जमानत मिलने में काफी समय लग जाते हैं। IPC 257

वकील की जरूरत कब लगती है।

भारतीय दंड संहिता के अनुसार यदि कोई भी किसी भी व्यक्ति को भारत में से उठाकर भारत की सीमा से बाहर ले जाता है तो ऐसे व्यक्ति को 7 वर्ष की कारावास की सजा से दंडित किया जाता है और यह अपराध एक गैर जमानती अपराध है जिसमें किसी भी अपराधी को जमानत मिलना काफी मुश्किल होता है तो किसी भी अपराधी को जमानत लेने के लिए एक वकील की जरूरत लगती है।

जो उसे आसानी से जमानत दिलवाने में मददगार साबित हो सके। ऐसे में किसी भी अपराधी को जमानत वहीं वकील दिलवा सकता है जो अपने क्षेत्र में निपुण हो और सारे रास्ते जानता हो कि कैसे किसी अपराधी को निर्दोष साबित किया जा सकता है। ऐसा ही वकील अपराधी को जल्दी जमानत दिलवाने में मददगार साबित हो सकता है।

Short Question and Answer

Q1. भारतीय दण्ड संहिता की धारा 360 क्या है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 360 यह हैं कि किसी भी व्यक्ति को उसके सहमति के बिना भारत की सीमा से बाहर ले जाने पर।

Q2. भारतीय दंड संहिता की धारा 360 में सजा का क्या प्रावधान है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 360 के अनुसार किसी भी व्यक्ति को उसके सहमति के बिना भारत की सीमा से बाहर ले जाने पर। तो ऐसे किसी व्यक्ति को 7 वर्ष की कारावास की सजा और आर्थिक जुर्माना लगाकर दंडित किया जाता हैं। 

Q3. भारतीय दंड संहिता की धारा 360 में जमानत का क्या प्रावधान है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 360 के अनुसार  किसी भी व्यक्ति को उसके सहमति के बिना भारत की सीमा से बाहर ले जाने पर यह धारा लागू होती है और यह एक गैर ज़मानती हैं।

Q4. भारतीय दंड संहिता की धारा 360 में जमानत कैसे मंजूर की जाती हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 360 के अनुसार यह एक गैर ज़मानती अपराध है जिसके चलते इसमें जमानत मिलना काफ़ी मुश्किल होता है, तो इस अपराध में जमानत लेने के लिए एक अनुभवी वकील को नियुक्त करना पड़ता है। वहीं जमानत दिलवा सकता है।

Q5. भारतीय दंड संहिता की धारा 360 संज्ञेय अपराध है या गैर – संज्ञेय अपराध?

भारतीय दंड संहिता धारा 360 एक संज्ञेय अपराध है।

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Conclusion

इस आर्टिकल में हमने बताया कि कैसे किसी भी व्यक्ति को भारत की सीमा से बाहर ले जाने पर क्या होता है, कितनी सजा होती है, जमानत मिलना कितना मुश्किल होता है और कैसे वकील मददगार साबित हो सकता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 360 (IPC section 360 in Hindi) से जुड़ी सारी जानकारी हमने आपको बहुत ही विस्तार और आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है।

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