आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 64 क्या है (What is IPC section 64 in Hindi), कैसे इसमें अपराध होता है, कितनी सजा सुनाई जाती है, कैसे जमानत होती है, (How is punishment and bail in IPC section 64 in Hindi) जमानत होती है या नहीं, वकील की ज़रूरत कब लगती है, इस अपराध को करने से कैसे बचा जा सकता है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 64 क्या कहती है (What does IPC section 64 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे।
ऐसे बहुत से अपराध होते है जिनमें कारावास की सजा नही सुनाई जाती सिर्फ़ जुर्माना लगा कर दंडित किया जाता है। मगर जुर्माना बहुत अत्यधिक नहीं लगाया जाता बल्कि जुर्म की गम्भीरता और अपराधी की आर्थिक स्थिति को देखकर लगाया जाता है ताकी अपराधी समय सीमा के भीतर ही भुगतान कर दे। अक्सर एक ही तरह का अपराध करने वालो पर अलग अलग जुर्माना लगाया जाता है।
अपराधी की हैसियत क्या है, उसे देखते हुए जुर्माने की राशि का निर्णय होता है, जिससे कानून अपराध की रोकथाम में कारगर साबित हो सके। तो आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे और देखेंगे कि जुर्माना न देने पर कारावास का दण्डादेश क्या होता है। यह सभी बातें हम भारतीय दण्ड संहिता की धारा 64 (IPC section 64 in Hindi) में समझेंगे तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है।
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आईपीसी धारा 64 क्या है (What is IPC Section 64 in Hindi)
IPC Section 64 के अनुसार कारावास और जुर्माना दोनों से दण्डनीय अपराध के हर मामले में, जिसमें अपराधी कारावास सहित या रहित, जुर्माने से दण्डादिष्ट (Punish) हुआ है, और केवल जुर्माने से दंडनीय अपराध के हर मामले में, जिसमें अपराधी जुर्माने से दण्डादिष्ट हुआ है।
वह न्यायालय जो ऐसे अपराधी को दण्डादिष्ट करेगा, सक्षम होगा कि दण्डादेश द्वारा निदेश दे कि जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा में, अपराधी अमुक अवधि के लिए कारावास भोगेगा जो कारावास उस अन्य कारावास के अतिरिक्त होगा जिसके लिए वह दण्डादिष्ट हुआ है या जिससे वह दण्डादेश के लघुकरण पर दण्डनीय है।
आसान भाषा में कहें तो हर मामले में जुर्माने के साथ-साथ जुर्माने की सजा भी, जिसमें अपराधी को जुर्माने की सजा सुनाई जाती है चाहे वह कैद के साथ हो या न हो और हर अपराध में कारावास या जुर्माना या केवल जुर्माना के साथ दंडित किया जाता है, जिसमें अपराधी को जुर्माना की सजा होती है। यह न्यायालय के लिए सक्षम होगा जो ऐसे अपराधी को उस वाक्य द्वारा निर्देशित करने के लिए सजा सुनाता है,
जो जुर्माना के भुगतान के डिफ़ॉल्ट में अपराधी को एक निश्चित अवधि के लिए कारावास भुगतना होगा, जिसमें कारावास किसी अन्य कारावास से अधिक होगा जिसके लिए वह सजा सुनाई जा सकती है या जिसके लिए वह एक सजा के तहत उत्तरदायी हो सकता है।
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Conclusion
इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि कैसे जुर्माने की राशि नहीं चुकाने पर कारावास दंडादेश सुनाया जाता है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 64 क्या है (What is IPC section 64 in Hindi), कैसे इसमें अपराध होता है, कितनी सजा सुनाई जाती है, कैसे जमानत होती है, (How is punishment and bail in IPC section 64 in Hindi)।
हमने इस आर्टिकल में आपको भारतीय दण्ड संहिता की धारा 64 के बारे में बहुत ही आसान और विस्तार भाषा में समझाने की कोशिश की है। धारा 64 की सारी महत्त्वपूर्ण बातें बताई है जो जिनके जरूरत आपको कभी भी पड़ सकती है।
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