दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 392 क्या है। (What is IPC section 392 in Hindi), कैसे इसमें सजा और जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 392 in Hindi) यह धारा 392 क्या कहती है। (What does IPC section 392 says in Hindi) सब कुछ विस्तार से बताऐंगे। ताकि आपको IPC section 392 को समझने में दिकत न हो तो बस आर्टिकल पूरा पढ़ना।
अक्सर सुनने को और दिखने को मिलता है कि किसी व्यक्ति ने किसी रस्ते में चल रहे व्यक्ति को लूट लिया यानी की उसके पैसे और बाकी सामान लूट लिया। यह अक्सर सूरज ढलने के बाद होता है, जहाँ सुन सान रास्ता होता है, लोग कम आते जाते हैं और अगर ऐसी लूट हो तो लोग शाम के समय आने जाने में भी डरते हैं कि कोई चोर उन्हें रोक कर लूट ना लें।
आज हम एक ऐसे ही धारा के बारे में जानेंगे कि कैसे इसमें अपराध होता है। किस तरह की सजा और कैसे जमानत होती है। इसमें जमानत होती है या नहीं, कौनसे समय अपराध करने पर क्या सजा होती है। सब कुछ आसान भाषा में बताएंगे बस आर्टिकल पूरा पढ़ना।
आईपीसी धारा 392 क्या है। (What is IPC Section 392 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता कि धारा 392 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के साथ लूट करता है तो ऐसे व्यक्ति को एक अवधी की कठिन कारावास दी जाती है। यह एक संज्ञेय अपराध है। अगर कोई व्यक्ति यह अपराध करता है तो उसका बचना काफ़ी मुश्किल होता है।
यह एक गैर जमानती और ग़ैर कानूनी अपराध है। किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है, यह गंभीर अपराधों में से एक अपराध है। ऐसे अपराध में आरोपी को सामने वाले व्यक्ति को चोट पहुंचने का भी सोच सकता है। खेर इसे और आसानी से जानने के लिए में आपको Example दे कर समझता हूँ जिससे आपको समझने में आसानी होगी।
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Example: सुरेश गांव में रहता है। उस गांव से शहर जाने का रास्ता काफ़ी खराब है। जहां काफ़ी कम लोग आते जाते है। तो वहा लूट अक्सर होती रहती है क्यूंकि रास्ता काफ़ी घना है इसी वजह से, किसी दिन सुरेश शहर गया हुआ था और उसे वापस आने में शाम हो जाति है। जब वह शाम को घर आ रहा होता है तो रास्ते में उसे कुछ लोग रोक लेते है।
उसे लूटने की कोशिश करते है। मगर सुरेश किसी तरह भाग जाता है और उन लोगो में से वो किसी एक व्यक्ति को पहचान लेता है। सुरेश अगले दिन पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा देता है जहां पुलिस उस व्यक्ति को ढूंढ कर गिरफ़्तार कर लेती है और जब उस बदमाश को कोर्ट में पेश किया जाता है तो उसे 14 वर्ष की कारावास और आर्थिक जुर्माना लगा कर दंडित किया जाता है।
धारा 392 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 392 in Hindi)
दोस्तों मैंने आपको ऊपर में बता दिया की IPC Section 392 क्या है अब हम जानेंगे की धारा 392 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 392 in Hindi) वो भी आसानी तरीके से तो भारतीय दंड संहिता कि धारा 392 के अनुसार:-
- लूट करने पर सजा – 10 वर्ष कठिन कारावास और आर्थिक दंड।
यह एक ग़ैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
- अगर लूट सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच की गयी हो तो सजा – 14 वर्ष कठिन कारावास और आर्थिक दंड।
यह एक ग़ैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
धारा 392 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 392 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता कि धारा 392 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति लुट करता है तो ऐसा अपराध ग़ैर ज़मानती है। ऐसे अपराध में किसी भी आरोपी को ज़मानत मिलना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आरोपी उच्च न्यायालय में ज़मानत की याचिका दायर करता है तो वहा उसकी याचिका को निरस्त कर दिया जाता है।
यह एक संज्ञेय अपराध है, इसमें आरोपी पहले भी ऐसे अपराध कर चुका होता है तो ऐसे में उसे जमानत मिलना काफ़ी मुश्किल होता है। न्यायालय ऐसे आरोपी को कठीन करावास कि सजा सुनाती है।
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धारा 392 में एक वकील की ज़रूरत क्यों होती है।
भारतीय दंड संहिता के अनुसार यह एक गैर जमानती अपराध है तो ऐसे में किसी भी आरोपी को एक वकील की ज़रूरत होती ही है जो उसे जमानत दिलवा सकता हो। ऐसे में किसी भी आरोपी को निर्दोष साबित करना मुश्किल होता है। ऐसे अपराध में आरोपी को एक ऐसा वकील ही बचा सकता है जो अपने क्षेत्र में निपुण हो जिसमें ऐसे बहुत से मामले को सुलझाया हो।
ऐसे किसी वकील को नियुक्त करना चाहिए जो कि ऐसे मामलों में पहले से ही पारंगत हो और आरोपी को आसानी से ज़मानत दिलवा सके।
Note: इस धारा से बचने का एक ही तरीका है कि ऐसा कोई लुट केस का काम नहीं करे और अगर आपके ऐसे कोई साथी भी करते हैं तो उनसे दूरी बनाए रखे। अगर आप ऐसा करते हैं तो नुक़सान आपका भी होगा। और साथ ही दूसरे को भी समझाए की एशा कोई गलत काम ना करे क्यूंकि अगर आप पकडे जाते है तो आपका काफी जाएदा नुक्सान होगा और आपका ज़िंदग सिर्फ जेल में बीतेगा इसीलिए ये सब बातों का धेयान रखे।
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हमने इस आर्टिकल में आपको बताया कि आईपीसी धारा 392 क्या है (What is IPC 392 in Hindi) आईपीसी धारा 392 में सजा और जमानत कैसे होती है (How is punishment and bail in IPC section 392 in Hindi) कैसे इसमें जमानत मिलना मुश्किल होता है। कैसे अपराध करने से बचा जा सकता है। सब कुछ बताया है।
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