दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि भारतीय दंड संहिता की धारा 337 क्या है (What is IPC section 337 in Hindi), कैसे इसमें अपराध होता है, क्या सजा सुनाई जाती है, (How is punishment and bail in IPC section 337 in Hindi) वकील की ज़रूरत लगती है या नहीं, भारतीय दंड संहिता की धारा 337 क्या कहती है (What does IPC section 337says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे।
यह धारा इन लोगों के प्रति लगाया जाता है ताकि उन्हें अपनी गलती की सजा मिल सके इस धारा को जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है क्योंकि तभी हम अपने समाज को सुनिश्चित तथा सुरक्षित बना पाएंगे तथा अपने मौलिक अधिकारों को भी बचा सकते हैं तथा लोग ऐसे गलत काम करने से बच भी सकते हैं आईपीसी 337 में सजा का क्या प्रावधान है ? इन सभी के बारे में जानेंगे और समझेंगे और अपने अधिकारों को भी भली-भांति जान पाएंगे।
अगर आप कानून में दिलचस्पी रखते हैं, कानूनों के बारे में जानना आपको पसंद है तो यह जानकर आपको बेहद खुशी मिलेगी कि आईपीसी 337 किसके अंतर्गत लगाया जाता है? कौन कौन से अपराध आते हैं इसके अंदर तो चलिए अब मैं आपको इस आर्टिकल में आईपीसी 337 के बारे में विस्तार से बताने जा रहा हूं, बहुत ही सरल एवं आसान भाषा में , अब आगे के कुछ अंशों में हम IPC Section 337 के बारे में विस्तृत पूर्वक जानेंगे।
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आईपीसी धारा 337 क्या है (What is IPC Section 337 in Hindi)
IPC Section 337 हमें यह बताता है कि आप कोई भी हो कितने ही बड़े क्यों ना हो आपसे कोई अगर जबरदस्ती वह काम करवाएं या आप खुद वह काम कर रहे हैं जैसे कि बेधड़क गाड़ी चलाना, शादी में जाकर बेधड़क किसी को गोली मार देना या लापरवाही से किसी का एक्सीडेंट कर देना ऐसे मामलों में आप पर IPC Section 337 लगाए जाते हैं।
अगर आपके इस हरकत के कारण अगर सामने वाले व्यक्ति को चोट आती है या उस घटना के कारण उसे कोई बीमारी हो जाए कम समय के लिए, मतलब यह है कि अगर आप की लापरवाही के कारण किसी को कुछ क्षण के लिए या कुछ दिनों के लिए चोट लग जाए या कोई बीमारी हो जाए वैसे घटनाएं इसके अंतर्गत आती है बड़ी घटनाओं का इस धारा में कोई जिक्र नहीं है।
जैसे कि अगर आप गाड़ी चला रहे हैं फुटपाथ पर और वहां अगर आपके गाड़ी चलाने के कारण किसी को चोट आ जाती है तो आप उस जगह पर उस से माफी नहीं मांग सकते हैं अगर उसे चोट आई है तो वह व्यक्ति आप पर आईपीसी 337 लगा सकता है क्योंकि यह उसका अधिकार है।
अगर कानून की भाषा में कहें तो भारतीय दंड संहिता की धारा 337 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को उतावले पर या लापरवाही के कारण मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा पहुंचाए या चोट पहुंच जाता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा हो सकती है तथा आर्थिक दंड भी उसको देना पड़ सकता है।
अगर मान लीजिए कोई व्यक्ति आपसे जबरदस्ती किसी भी व्यक्ति को मारने के लिए कह रहा है या आपसे जबरदस्ती किसी भी प्रकार का कार्य करा रहा है जिससे कि उस कार्य के द्वारा दूसरे व्यक्ति को हानि हो रही है तो भी आप पर यह मुकदमा लग सकता है और साथ ही साथ आप से यह कार्य कराने वाले व्यक्ति पर भी मुकदमा होगा।
इसीलिए आप ऐसे लोगों से बचकर रहें और अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके खिलाफ मुकदमा कर सकते हैं।
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आईपीसी 337 के उदाहरण (Example Of IPC Section 337)
अगर आपकी किसी व्यक्ति से कहासुनी हुई है और उस व्यक्ति ने इस कहासुनी के बाद आपको किसी भी तरह की क्षति पहुंचाने का प्रयास किया है तो आप उस व्यक्ति पर धारा 337 लगा सकते हैं।
जैसे कि अगर कोई व्यक्ति से काफी कहासुनी हुई है और कुछ देर बाद या कुछ समय बाद उस व्यक्ति ने आपके ऊपर हमला कर दिया या गाड़ी से हमला किया हो या किसी और भी चीज से तो आप उस व्यक्ति पर धारा 337 के तहत मुकदमा चला सकते हैं।
अगर कोई व्यक्ति लापरवाही या बहुत तेज गाड़ी चला रहा है और उसके इस लापरवाही के कारण किसी प्रकार का दुर्घटना घटित हो जाता है जिससे कि किसी व्यक्ति को चोट आ जाती है चाहे वह चोट बड़ी हो या छोटी हो यह मायने नहीं रखती है चोट अगर कुछ दिनों में ठीक हो भी जाता है या फिर उसे गंभीर चोट लगती है तो भी उस व्यक्ति के ऊपर आप धारा 337 के तहत मुकदमा कर सकते हैं उस व्यक्ति को कुछ अवधि के लिए कारावास तथा जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
IPC Section 337 में यह कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति के द्वारा किसी व्यक्ति को हनी पहुंचाया गया हो। अगर उस कार्य को आप उतावले में या लापरवाही पूर्वक करते हैं तो आप पर धारा 337 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा ऐसे अपराधियों को धारा 337 में लगाया गया है।
जैसे मान लीजिए अगर आप किसी लड़की के शादी में या किसी की भी शादी में जाकर वहां किसी भी व्यक्ति को हानि पहुंचाते या उसको मारते हैं या उस पर गोली चलाते हैं ऐसी कोई भी वारदात आप अगर करते हैं तो आप पर धारा 337 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
आईपीसी 337 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 337 in Hindi)
आईपीसी 337 में अगर कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसे 6 महीने के कारावास या ₹500 के आर्थिक दंड या दोनों से दंडित क्या जा सकता है।
क्या आईपीसी 337 जमानती है?
हां आईपीसी 337 की धारा जमानती है यह मामले को कोर्ट मे कोई भी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जा सकता है और अगर आप इस अपराध से बचना चाहते हैं तो अपने वकील की मदद से आप इसमें जमानत पा सकते हैं उसके बाद आपको न्यायालय में अपने सही साबित करने का प्रमाण देना होता है उसके बाद आप बाइज्जत बरी भी हो सकते हैं।
यह एक संज्ञेय अपराध है तथा यह अपराध न्यायालय की अनुमति से पीड़ित व्यक्ति (जिस को चोट पहुंची है) के द्वारा समझोता योग्य भी है।
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Conclusion
हमारे आज के इस आर्टिकल में हमने आपको आईपीसी 337 के बारे में पूरी जानकारी देने का पूरा पूरा प्रयास किया है और हमें आशा है कि आप को आज भारतीय दंड संहिता की धारा 337 के बारे में जानकारी मिल गई होगी, (What is IPC section 337 in Hindi) जिसमें सजा का क्या प्रावधान बनता है, कैसे इस धारा को लागू किया जाएगा, इस धारा को पारित करने पर क्या सजा होगी , इन सब के बारे में विस्तार से हमने जानने का प्रयास किया है।
यदि फिर भी इस धारा से संबंधित आपके मन में थोड़ी भी शंका है या कुछ भी प्रश्न पूछना चाहते हैं , तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते हैं। साथ ही अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी साझा जरूर करें ताकि इससे वह भी जान सके और समझ सके और उन्हें भी महत्वपूर्ण धारा के बारे में पता हो सके।