IPC 327 in Hindi – आईपीसी की धारा 327 क्या है? सजा & जमानत

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 327 क्या है। (What is IPC Section 327 in Hindi), आईपीसी धारा 327 में कैसे सजा होती है, आईपीसी धारा 327 कैसे इसमें जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 327 in Hindi) यह धारा क्या कहती है। (What does IPC section 327 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे बस आप आर्टिकल लास्ट तक पढ़ते रहना।

दोस्तों आप सब ने ऐसी मूवीज तो 100% देखी ही होगी जहां पर कोई विलेन या कोई बदमाश वसूली के लिए या फिर मनमानी करने के लिए या फिर धमकी देने के लिए, पहले थोड़ा बहस करता है फिर धीरे से अपने जेब से एक बड़ी सी चाक़ू निकालता है और टिका देते है उस निर्दोष के गर्दन पर। फिर शुरू होता है वहाँ से एक नया मोड जहाँ पर वो फिरौती की मांग करता है।

IPC 327 in Hindi

अब ये Scenes तो आप सभी ने देखे ही होंगे और ऐसे सीन्स को देख कर असल ज़िन्दगी में भी ऐसा करने लग गए है। अब बात ऐसी है की ऐसा कर तो देते है मगर इसके पीछे की सजा को भूल जाते है। इसी तरह की अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा IPC में हमे धारा 327 का ज़िक्र मिलता है। तो आज की जानकारी बहुत इम्पोर्टेन्ट है, इसलिए आप ये आर्टिकल को पूरा End तक पढ़ें ताकि आपको ये समझ आ सके।

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आईपीसी की धारा 327 क्या है (What is IPC Section 327 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 327 के अनुसार, जो कोई इस प्रयोजन से स्वेच्छापूर्वक चोट पहुँचाना कारित करेगा कि पीड़ित व्यक्ति से, या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति से, कोई सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति बलपूर्वक ले ली की जाए या पीड़ित व्यक्ति को या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति को कोई ऐसी बात, जो अवैध हो, या जिससे किसी अपराध का किया जाना आसान होता हो, करने के लिए मजबूर करता है,

तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा। दोस्तों अब इसे थोड़े आसान शब्दों में समझते है, सीधी सी बात है जब किसी अपराध का किया जाना अब इसमें कोई किसी के गले में चाक़ू रखकर या फिर Gun रखकर उस व्यक्ति को force करके कुछ काम करने को बोलता है तो ये धारा उन्ही लोगों के लिए है।

किसी को forcefully कुछ काम करने को बोलना वो भी उसको धमका डरा कर तो ये अपराध माना गया है। IPC की धारा 327 में इसी को बताया गया है और साथ ही साथ ये भी कहा गया है कि ऐसा करना बहुत बड़ा अपराध माना गया है।

आईपीसी धारा 327 के तहत मिलने वाली सजा (Punishment in IPC Section 327 in Hindi)

दोस्तों किसी को डरा धमकाकर काम करवाना, एक अपराध माना गया है इसलिए धारा 327 के तहत अपराधी को मिलने वाली सजा के रूप में-

  • एक अवधि के लिए 10 साल का कारावास और साथ ही साथ जुर्माने कि सजा को निर्धारित किया गया है। 
  • इस अपराध के लिए कोई बेल नहीं मिलने वाली, बेल कि कोई गुंजाइश नहीं है। 
  • ये एक गैर संज्ञेय अपराध है जिसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के द्वारा होती है। 
  • पुलिस बिना किसी वारंट के अपराधी को अरेस्ट कर सकती है।

 Example:  मान लो कि एक घरमें कुछ गुंडे या चोर घूस आये जिनके पास धारदार चाक़ू छुरी है अब वो वहाँ के बच्चे को पकड़ लिए और उस बच्चे के गले में चाकू टीका कर उस बच्चे के माँ बाप को force कर रहे है कि जो भी पैसे या सोने चांदी है वो उनको किसी बैग में डाल कर दे। तो ये होता है किसी को force करके काम करने को बोलना।

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आईपीसी धारा 327 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 327 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 327 के अनुसार यदि किसी को forcefully कुछ काम करने को बोलना वो भी उसको धमका डरा कर तो ऐसे व्यक्ति को 10 वर्ष का कारावास और आर्थिक जुर्माना लगा कर दण्डित किया जाता है। इस अपराध को ग़ैर जमानती माना गया है जिसके चलते किसी भी आरोपी को ज़मानत मिलना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति उच्च न्यायालय में याचिका दायर करता है तो उसकी याचिका को निरस्त कर दिया जाता है।

 Note:  IPC की इस धारा 327 के अंतर्गत ये बताया गया है, कि जब किसी अपराध का किया जाना अब इसमें कोई किसी के गले में चाक़ू रखकर या फिर Gun रखकर उस व्यक्ति को force करके कुछ काम करने को बोलता है तो ये धारा उन्ही लोगों के लिए है। किसी को forcefully कुछ काम करने को बोलना वो भी उसको धमका डरा कर तो ये अपराध मन गया है।

एक वकील की ज़रूरत क्यों लगती हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 327 के अनुसार यह एक ग़ैर जमानती अपराध है जिसके चलते आरोपी को ज़मानत मिलना मुश्किल होता है तो ऐसे में किसी भी आरोपी को एक वकील ही बचा सकता है। किसी भी मामले को सुलझाने के लिए एक ऐसे वकील को नियुक्त करना चाहिए जो पहले से ही अपने क्षेत्र में निपुण हो और आरोपी को निर्दोष साबित कर सकता हो और उसे आसानी से ज़मानत दिलवाने में अच्छा साबित हो सकता हो।

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Conclusion

आशा है की आपको आईपीसी धारा 327  क्या है? इससे सम्बंधित बहुत सी जानकारी आपको हुई होगी और साथ ही IPC की धारा 327 क्या कहती है? (What does section IPC 327 says in Hindi). इसकी जानकारी भी आपको मिल गयी होगी। तो अगर आपको ये ARTICLE पसंद आया हो तो आप अपने दोस्तों के साथ जरूर इसे शेयर करें ताकि आपके दोस्त भी हमारे भारतीय दंड संहिता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।

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