IPC 57 in Hindi – आईपीसी की धारा 57 क्या है? सजा & जमानत

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 57 क्या है। (What is IPC Section 57 in Hindi), आईपीसी धारा 57 में कैसे सजा होती है, आईपीसी धारा 57 कैसे इसमें जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 57 in Hindi) यह धारा क्या कहती है। (What does IPC section 57 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे बस आप आर्टिकल लास्ट तक पढ़ते रहना।

दोस्तों जब भी कोई सजा किसी अपराधी को सुनाई जाती है तो उसके पीछे भी उस सजा की अवधि को CALCULATE किया जाता है ताकि उतने समय तक के लिए उसको सजा मिल सके। दोस्तों शायद ही आपको पता होगा इसके बारे में की अगर उम्रकैद की भी सजा सुननी है तो पहले जज उसको CALCULATE करेंगे तब जा कर वो सजा उसे सुनाई जाएगी।

IPC 57 in Hindi

अब सोचने वाली बात ये है की ये कैसे किया जायेगा। तो दोस्तों आज जिसके बारे में हम बात करेंगे वो इसी के बारे में बताती है। दोस्तों आज के ARTICLE में हम बात करेंगे भारतीय दंड संहिता की धारा IPC 57 के बारे में जो ये बताते है की कैद या उम्रकैद की सजा सुनाने से पहले उसको CALCULATE किया जाना है और क्यों किया जाना है? तो आज की जानकारी बहुत Important है, इसलिए आप ये ARTICLE को पूरा End तक पढ़ें ताकि आपको ये समझ आ सके।

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आईपीसी की धारा 57 क्या है (What is IPC Section 57 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 57 के अनुसार, दण्डावधियों की भिन्नों की गणना करने में, आजीवन 4 [कारावास] को बीस वर्ष के 4 [कारावास] के तुल्य गिना जाएगा। दोस्तों थोड़ा आसान शब्दों में समझते है इसेदोस्तों जब कभी भी सजा की अवधि को Calculate किया जायेगा, जब कभी भी Punishment के term को Calculate किया जायेगा तो उम्रकैद का मतलब 20 साल माना जायेगा ऐसा IPC की धारा 57 कहती है। 

  • अब इसमें हमे Confuse नहीं होना है, की उम्रकैद की सजा तो 20 साल तक की है बाद में ख़तम हो जाएगी। ऐसा बिलकुल नहीं है ना ही ऐसा कुछ IPC 57 का मतलब है।
  • उम्रकैद का मतलब है जब तक उस अपराधी की मृत्यु ना हो जाये। हां अगर व्यवहार सही रहा तो Appropriate Government उसको 20 साल बाद रिहा कर सकती है मगर ऐसा नहीं है के वो 20 साल बाद क्लेम कर सकता है की उसने तो 20 साल तक की सजा भोग ली है अब वो रिहा हो सकता है ऐसा बिलकुल भी नहीं है। तो अब ये सवाल ये उठता है की आखिर इसे CALCULATE क्यों करना है ?
  • दोस्तों CALCULATE इसलिए नहीं किया जाता है की 20 साल बाद अपराधी को छोड़ना है। कई बार कई दूसरे Sections में उन्हें कैद की अवधि को CALCULATE करना पड़ता है तो वहाँ पर सजा को 20 साल मान कर चलना होता है।

 Example:  दोस्तों एक Example से समझते है, मानलो अब वो Rape  का कोई Case हो गया तो Rape Attempt हुआ है, तो उसके Charges अलग और Rape हुआ है तो उसके Charges अलग से लगने और साथ ही साथ बाकी सजा को सुनाने के लिए कैद या उम्रकैद की सजा को भी कैलकुलेट किया जायेगा। 

Note: IPC की इस धारा 57 के अंतर्गत ये बताया गया है, की जब कभी भी Punishment के term को कैलकुलेट किया जायेगा तो उम्रकैद का मतलब 20 साल माना जायेगा। 

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आशा है की आपको आईपीसी धारा 57  क्या है? इससे सम्बंधित बहुत सी जानकारी आपको हुई होगी और साथ ही IPC की धारा 57 क्या कहती है? (What does section IPC 57 says in Hindi). इसकी जानकारी भी आपको मिल गयी होगी। तो अगर आपको ये ARTICLE पसंद आया हो तो आप अपने दोस्तों के साथ जरूर इसे शेयर करें ताकि आपके दोस्त भी हमारे भारतीय दंड संहिता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।

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