दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 500 क्या है। (What is IPC section 500 in Hindi), कैसे इसमें सजा और जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 279 in Hindi) यह धारा क्या कहती है (What does IPC section 500 says in Hindi) सब कुछ विस्तार से जानेंगे। इसीलिए ये आर्टिकल लास्ट तक पढ़ते रहिये।
एक गरीब व्यक्ति से लेकर एक बड़े से बड़े व्यक्ति तक उसकी इज्जत उसके लिए बहुत माईने रखती है. कहा भी गया की व्यक्ति को अपनी इज्जत बनाने में वर्षो लग जाते है और इज्जत गवाने में एक मिनट ही काफी है. समाज में प्रत्येक व्यक्ति को ये अधिकार है की वो अपने प्रतिस्ठा, इज्जत, ख्याति और सामाजिक सम्मान को किसी भी तरह से ठेस पहुंचने से बचा सके और साथ ही अगर कोई व्यक्ति उसकी इज्जत और सौहरत के साथ खिलवाड़ करता है.
तो वह उसके खिलाफ न्यायालय (Court) में जा सकता है। आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे और देखेंगे कि कैसे अपराध होता है तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है। क्यूंकि बहुत से लोग एशा करते है जिससे किसी का इजात ख़राब हो जाता है अपने समाज में तो मैं आपको बहुत आसानी तरीके से बताने का कोसिस करता हूँ ताकि आपको सब कुछ अच्छे से समझ में आये।
आईपीसी धारा 500 क्या है। (What is IPC Section 500 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता कि धारा 500 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की मानहानि करता है तो ऐसे व्यक्ति को दंडित किया जाता है। किसी का अपमान करना एक गंभीर अपराध है।
किसी भी व्यक्ति की बेज्जती करना, समाज के सामने उसे निचा दिखाना, उसपर कोई जूठा इल्जाम लगाने, उसे गाली देना मानहानि में आता है।
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Example: विजय कुमार एक ऊचे पद का अधिकारी है और उसका दोस्त राजू जो छोटा मोटा काम करता है। विजय आए दिन राजू को चिढाता रहता है उसके काम को लेकर, उसकी बेज्जाती करता रहता है और राजू चुप चाप सुनता रहता है, मगर जब ऐसा अक्सर होने लगा तो राजू को एक दिन गुस्सा आया और उसने विजय के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
विजय जानबूजकर राजू का अपमान करता तो पुलिस उसे गिरफ़्तार कर लेती है। जब विजय को कोर्ट में पेश किया जाता है तो वहां उसे 2 वर्ष की कारावास और आर्थिक जुर्माना लगा कर दंडित तथा दोबारा ऐसा ना करने की सलाह दी जाती है।
धारा 500 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 500 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता कि धारा 500 के अनुसार किसी की मानहानि करने पर 2 वर्ष की कारावास और आर्थिक जुर्माना लगा कर दण्डित किया जाता है। ऐसे किसी का अपमान करना, उसे नीचा दिखाना एक गंभीर अपराध है, इसमें किसी व्यक्ति के स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। यह एक संज्ञेय अपराध है, किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
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धारा 500 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC section 500 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता कि धारा 500 के अनुसार किसी व्यक्ति की मानहानि करने पर 2 वर्ष की करावास की सजा सुनाई जाती है। ऐसे में यह अपराध एक ज़मानती अपराध है। इसमें किसी व्यक्ति को कोई शारिरिक चोट नहीं लगती है तो आरोपी को ज़मानत मंजूर कर दी जाती है और आगे दोबारा ऐसा ना करने की सलाह दी जाती है।
ऐसे में जमानत को मंजूर करने के लिए एक वकील को तो नियुक्त करना ही पड़ता है फिर चाहे अपराध छोटा हो या बड़ा, एक वकील ही बचा सकता है। किसी भी आरोपी को एक ऐसे वकील को नियुक्त करना चाहिए जो पहले से ही ऐसे मामलों में परम्परागत हों जो आरोपी को आसानी से ज़मानत दिलवा सकता है।
Note: इस धारा से बचने का तरीका यह है कि कभी किसी व्यक्ति का अपमान ना करें, उसे किसी के सामने नीचे दिखाने का कोशिश ना करें। भले ही आप अमीर है या किसी उचे पद पर है, किसी गरीब का अपमान करना उसकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना एक अपराध ही है। समाज में इज्जत बनाना काफ़ी समय लग जाता है। ऐसे में कोशिश करे कि किसी का अपमान ना करें।
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हमने इस आर्टिकल में आपको बताया कि कैसे इसमें अपराध होता है, कैसे किसी का अपमान करना एक गंभीर अपराध माना जाता है। धारा 500 में क्या सजा और जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 500 in Hindi) कैसे इसे करने से बचा जाएं, सब आपको विस्तार से बताया है।
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