IPC 504 in Hindi – आइपीसी धारा 504 क्या है। पूरी जानकारी

आज हम आपको बताने जा रहे है की आइपीसी धारा 504 क्या है (IPC 504  in Hindi) , इसके बारे में जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है तो हम आपको बताएंगे कि आइपीसी की धारा 504 क्या कहती है (what does IPC 504 says in Hindi) और इसके बारे में ओर भी बहुत कुछ बताएंगे।

अक्सर आप लोगो ने सुना होगा की घर के बगल में, या कही आस पास मोहल्ले में या कही दूर गावं में दो पक्षों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया, यह विवाद इतना बढ़ गया की धमकी, मार पीट, गाली गलौज की नौबत आ गयी। विवाद में घायल पक्ष की और से पुलिस बुलाई गयी और धमकी, मारपीट गाली गलौज करने वाले पक्ष के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो गयी। 

IPC 504 in Hindi

तो आज हम ऐसे ही धारा के बारे में विस्तार से जानेंगे कि आखिर इस धारा में क्या होता है और कैसे सज़ा सुनाई जाती है। कभी अपने सोचा है कि किसी का अपमान करना भी एक अपराध माना जाता है। यह धारा ऐसे ही कुछ अपराध के बारे में बताती हैं। जिसे में आपको आइपीसी धारा 504 क्या है (IPC 504  in Hindi) इसकी पूरी जानकारी देंगे।

धारा 504 का विवरण

यदि कोई व्यक्ति किसी को उकसाने के इरादे से उसका अपमान करता है यह जानते हुऐ भी की उसके उकसाने के बाद वह व्यक्ति कोई अन्य अपराध कर सकता है। ऐसे मामलों में उकसाने वाले व्यक्ति पर धारा 504 लगाई जाती है, यह धारा गाली गलौज या अपमानकारी भाषा का प्रयोग करने पर लगाई जाती है।

यह धारा गाली गलौज या अपमानकारी भाषा के प्रयोग के विपरीत उपचार देती है। गाली गलौज की भाषा जो लोकशांति को भंग करने की क्षमता युक्त है, इस धारा के अन्तगर्त अपराध नहीं हैं। अपमानित करने के आशय से ही ऐसी भाषा का प्रयोग होना चाहिये। किसी व्यक्ति को शब्दों तथा आचरण द्वारा अपमानित किया जा सकता है।

यदि अपमान शब्दों के द्वारा किया जाता है तो प्रयुक्त शब्द केवल अश्लील बोधक ही नही होने चाहिये, बल्कि उससे कुछ अधिक होने चाहिये। अच्छे आचरण का उल्लंघन मात्र इस धारा के अन्तगर्त अपराध गठित नहीं कर सकता है। यदि अपमान की प्र​वत्ति ऐसी है कि कोई अन्य अपराध कर डाले तभी इस धारा के अन्तगर्त अपराध गठित होगा।

धारा 504 क्या है। (What is IPC Section 504 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 504 में यह बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को उकसाने के इरादे से उसका अपमान करता है या यह जानते हुऐ की उसकी उकसाहट उस व्यक्ति को लोकशांति भंग करने या अन्य अपराध का कारण हो सकती है। ऐसे व्यक्ति को एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक जुर्माना लगाया जाता है या फिर दोनों से ही दंडित किया जाता है।

उकसाकर लोकशान्ति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमानित करने पर दो वर्ष की सज़ा और जुर्माना लगाया जाता है। यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है। यह अपराध अपमानित व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है।

 Example:  कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमार स्वामी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में बेंगलुरु की पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया। दो लोगों की पहचान – 26 वर्षीय सिद्दाराजू और 28 वर्षीय चम्मा गौड़ा के रूप में की गई थी। दोनों पर IPC Section 504 (भारतीय शांति का उल्लंघन करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

धारा 504 में सजा का प्रावधान (IPC Section 504 For Punishment)

अब बात करते है की धारा 504 में सजा का प्रावधान (IPC Section 504 For Punishment) है भारतीय दंड संहिता की धारा 504 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को उकसाने के इरादे से उसका अपमान करता है यह जानते हुऐ भी की वह व्यक्ति कुछ अपराध कर सकता है.

तो ऐसे में न्यायालय उसे दो साल की जेल और आर्थिक जुर्माना लगाती है। यह एक संज्ञेय अपराध है यह आगे चलकर बड़े अपराध का कारण बन सकता है इसलिए न्यायालय इसपे सोच विचार कर निर्णय लेती है। यह किसी भी मैजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। इस अपराध में सजा को बड़ाया भी जा सकता है।

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धारा 504 में जमानत का प्रावधान (Section 504 Provides For Bail in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 504 में यह अपराध एक ज़मानती है। इसमें किसी भी आरोपी को आसानी से ज़मानत मिल सकती है। पर न्यायालय इसपर काफी सोच विचार कर निर्णय लेती है ताकि आगे चलकर कोई बड़े अपराध का कारण ना बने। यह मैजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। इस अपराध में दोनो पक्षों में समझौता हो सकता है।

इस आर्टिकल के तहत हमने आपको बताया कि इस धारा में क्या होता है और कैसे जमानत होती है कैसे सज़ा सुनाई जाती है। आइपीसी धारा 504 क्या है (IPC 504  in Hindi) भले ही हम कानून की पढ़ाई नहीं कर रहे है लेकिन हमारा इन सब के बारे में जानना बहुत आवश्यक है। ताकि जब कभी हमारे साथ ऐसा कुछ व्यव्हार हो तो हम समझदारी से निर्णय ले सकें। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो अपने साथियों के साथ जरूर शेयर करें।

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