दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 114 क्या है (What is IPC section 114 in Hindi), कैसे इसमें अपराध होता है, किस तरह सजा सुनाई जाती है, यह अपराध जमानत लायक़ है या नहीं, कैसे बचा जा सकता है इस अपराध को करने से, आईपीसी धारा 114 क्या कहती है (What does IPC section 114 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे।
आज के इस युग में ऐसे बहुत से लोग है जो दूसरो को गलत काम करने के लिए उकसाने का काम करते हैं। ऐसा वो तभी करते हैं जब उनकी कोई दुश्मनी हो या फिर किसी का अच्छा नहीं चाहते हो, अक्सर ऐसे मामले देखने को मिलते है जिनमें किसी अन्य व्यक्ति की चाल होती है और अपराध कोई ओर करता है। हर किसी व्यक्ति से ईर्ष्या रखने वाला व्यक्ति ही ऐसा करता है, जो किसी भी व्यक्ति का भला नहीं चाहता हो।
तो आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे कि कैसे यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को कोई अपराध करने के लिए उकसाता है और जब अपराध हो रहा हो तब वो उकसाने वाला व्यक्ति भी वहीं मौजूद हो तो क्या सजा सुनाई जाती है। सब कुछ विस्तार से जानेंगे तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है।
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आईपीसी धारा 114 क्या है (What is IPC Section 114 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता की धारा 114 के अनुसार: अपराध किए जाते समय दुष्प्रेरक की उपस्थिति|
जब भी कोई व्यक्ति अनुपस्थित (जो उपस्थित न हो) होने पर दुष्प्रेरक (बहकाने वाला) के नाते दण्डनीय हो, और वह दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किए गये अपराध के समय उपस्थित होने के लिए दण्डनीय होता है, तो यह समझा जाएगा कि उसने ऐसा कार्य या अपराध किया है।
किसी भी अपराध का दुष्प्रेरण, यदि अधिनियम का पालन किया जाता है, परिणाम में प्रतिबद्ध है, और जहां इसकी सजा के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
यानी कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को कुछ अपराध करने के लिए उकसाता है ओर जब वो अपराध हो रहा हो तब वो उकसाने वाला व्यक्ति भी मौजूद हो तो ऐसे व्यक्ति पर IPC Section 114 लगाई जाती है और इसके अनुसार दंडित किया जाता है।
Example: रमेश काफ़ी अमीर आदमी है तो इसके चलते उसके आस पास के लोग उससे काफ़ी ईर्ष्या रखते हैं तो एक उसके ही पड़ोस का व्यक्ति उसकी इतनी अमीरी देख कर उसे काफ़ी जलन होती है तो वो किसी एक व्यक्ति को रमेश का नुक़सान करने के लिए उकसाता है।
तो एक दिन जब रामेश किसी काम से बाहर जा रहा था तो उसके पड़ोसी ने अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर रमेश को नुक़सान पहुंचाया, इससे रमेश को चोट लगीं तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जब पुलिस ने कारवाई की तो आरोपी को पकड़ा गया और आरोपी और उसके साथी को कोर्ट में पेश कर उचित दंड देकर दण्डित किया गया।
आईपीसी धारा 114 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 114 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता की धारा 114 के अनुसार किसी व्यक्ति को कुछ ग़लत करने के लिए उकसाना और ग़लत होते हुए देखने पर यानी की जो व्यक्ति उकसा रहा है अगर वो भी अपराध के समय मौजूद होता है तो ऐसे व्यक्ति पर धारा 114 लागू होती है।
इस धारा में आरोपी को सजा अपराध अनुसार ही होती है यानी की जिसने अपराध किया है उसके बराबर की सजा उकसाने वाले को भी दी जाएगी क्युकी वो भी बराबर का हिस्सा होता है। यदि अपराध ज्यादा गंभीर होता है तो सजा भी ज्यादा दी जाती है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है। इसमें किसी व्यक्ति को गंभीर चोट लगने की संभावना रहती है।
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आईपीसी धारा 114 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 114 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता की धारा 114 के अनुसार किसी व्यक्ति को कोई अपराध करने के लिए उकसाने पर कठिन सजा सुनाई जाती है, जितना गंभीर अपराध होता है उतनी ही गंभीर सजा यानि अपराध पर सजा निर्भर करती है। तो ऐसे में यदि अपराध ज्यादा गंभीर हो जाता है तो जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है, काफ़ी कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते है तब जमानत हो पाती है वो भी तब जब आरोपी ने पहले कोई अपराध नहीं किया हो।
यदि अपराध गंभीर ना हुआ हो तो आसानी से ज़मानत मिल जाती है मगर जमानत लेने के लिए एक वकील कि जरूरत लगती है जो आसानी से ज़मानत दिलवा सकता हो, जो पहले से अपने क्षेत्र में निपुण हो और केस को आसानी से सुलझा सकता हो।
इस अपराध से बचने का तरीका यह है कि किसी व्यक्ति से कोई ईर्ष्या (Jealous) ना रखे, अगर कोई व्यक्ति आपसे ज्यादा कमा रहा है या ज्यादा अमीर है तो उसके अपनी मेहनत की वजह से है, उसके साथ कोई ग़लत काम करना अपराध है, तो अगर आप किसी को उकसाते है कोई ग़लत कार्य करने से तो नुक़सान आपका भी होगा, आपको भी सजा होंगी तो बेहतर है खुद ज्यादा मेहनत करें और आराम की जिंदगी जिए।
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Conclusion
इस आर्टिकल में हमने आपको बताया है कि आईपीसी धारा 114 क्या है (What is IPC section 114 in Hindi) कैसे धारा 114 लागू होती है, किन मामलों में धारा 114 लगाई जाती है। इसके अन्तर्गत क्या सजा सुनाई जाती है, कैसे जमानत होती है, सब कुछ विस्तार से बताया है।
आईपीसी धारा 114 क्या कहती है (What does IPC section 114 says in Hindi) हम उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और लाभकारी साबित हुआ होगा अगर आपको पसंद आया है तो अपने साथियों के साथ जरूर शेयर करें।