IPC Section 508 in Hindi – आईपीसी धारा 508  क्या है पुरी जानकारी

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 508 क्या है। (What is IPC Section 508 in Hindi), आईपीसी धारा 508 में कैसे सजा होती है, आईपीसी धारा 508 कैसे इसमें जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 508 in Hindi) यह धारा क्या कहती है। (What does IPC section 508 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे बस आप आर्टिकल लास्ट तक पढ़ते रहना।

अक्सर देखते है कि यदि किसी बड़े व्यक्ति को या किसी अमीर आदमी को कुछ काम करवाना हो तो वो व्यक्ति अपने से छोटे आदमी को अपना काम करवाने के लिए डराता है या धमकाता है या कुछ डर दिखा कर काम करवाने की कोशिश करता है और वह व्यक्ति डर के मारे उस व्यक्ति का काम कर देता है चाहें वो काम ग़ैर कानूनी ही क्यूं ना हो, डर क मारे उसे करना ही पड़ता है।

इस काम को करने के चक्कर में वह कोई ग़ैर कानूनी कार्य कर देता है जिसका अंदाजा उसे नहीं होता है और जो काम करवाने वाला व्यक्ति होता है उसका काम होते ही वह उस व्यक्ति को जिससे काम करवाया उसे उसके हाल पर छोड़ देता है।

IPC Section 508 in Hindi

तो आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे कि कैसे यदि कोई किसी को कुछ ग़ैर कानूनी कार्य करने के लिए उकसाता है तो क्या होता है, यह सभी बातें हम भारतीय दंड संहिता की धारा 508 (What is IPC section 508 in Hindi) में जानेंगे तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है।

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आईपीसी धारा 508 क्या है (What is IPC Section 508 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 508 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को यह विश्वास करने के लिए उत्साहित करके या उत्साहित करने का प्रयास करके कि यदि वह उस काम को नहीं करेगा, जिसे उससे कराना अपराधी का उद्देश्य हो, या यदि वह उस बात को करेगा जिसका उससे नुकसान कराना अपराधी का उद्देश्य हो,

तो वह या कोई व्यक्ति जिससे वह हितबद्ध है, अपराधी के किसी कार्य से दैवी अप्रसाद का भाजन हो जाएगा, या बना दिया जाएगा, अपनी इच्छा उस व्यक्ति से कोई ऐसी काम करवाएगा या करवाने का प्रयास करेगा, जिसे करने के लिए वह वैध रूप से फसा हुआ न हो, या किसी ऐसी काम के करने का नाश करवाएगा या करवाने का प्रयास करेगा, जिसे करने के लिए वह वैध रूप से हकदार हो तो ऐसे व्यक्ति पर IPC Section 508 लागू होती है।

आसान भाषा में कहे तो अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से यह कहकर कोई काम करने को कहता है, कि अगर उस व्यक्ति ने वह काम नहीं किया तो दैवी अप्रसाद का भाजन हो जाएगा। या उसके साथ कुछ अनर्थ हो जाऐगा। जबकि वह काम वैध नहीं हैं तो ऐसे में काम करवाने वाला व्यक्ति अपराधी माना जाऐगा और इसके अनुसार उसे दण्डित किया जाएगा।

 Eng:  According to Section 508 of the Indian Penal Code, if a person tries to encourage or enthuse another person to believe that if he does not do the work which the offender intended to do, or if he To do the harm of which is the purpose of the offender,

Then he or any person to whom he is interested, any act of the offender shall be divorced, or made to act, to make such a work or attempt to get his person to do something which he is lawfully required to do. IPC Section 508 is applicable to such a person if he is not trapped, or shall destroy or attempt to do any work which he is legally entitled to do.

आईपीसी धारा 508 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 508 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता कि धारा 508 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से यह कहकर कोई काम करने को कहता है, कि अगर उस व्यक्ति ने वह काम नहीं किया तो दैवी अप्रसाद का भाजन हो जाएगा। या उसके साथ कुछ अनर्थ हो जाऐगा।

जबकि वह काम वैध नहीं हैं तो ऐसे में काम करवाने वाला व्यक्ति अपराधी माना जाऐगा और इस धारा के अनुसार ऐसा करने वाले व्यक्ति को 1 वर्ष का कारावास और आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जाता है। यह एक गैर संज्ञेय अपराध है। किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय हैं।

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आईपीसी धारा 508 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 508 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा 508 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से यह कहकर कोई काम करने को कहता है, कि अगर उस व्यक्ति ने वह काम नहीं किया तो दैवी अप्रसाद का भाजन हो जाएगा। या उसके साथ कुछ अनर्थ हो जाऐगा।

जबकि वह काम वैध नहीं हैं तो ऐसे में काम करवाने वाला व्यक्ति अपराधी माना जाऐगा और इस धारा के अनुसार ऐसा करने वाले व्यक्ति को 1 वर्ष का कारावास और आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जाता है। चुकीं इसमें कोई मानव हानी नहीं होती जिसके चलते इसे जमानती अपराध माना जाता है। 

वकील की ज़रूरत क्यों लगती है।

भारतीय दंड संहिता के अनुसार यह एक ज़मानती अपराध है मगर किसी भी अपराध के लिए जमानत लेने के लिए एक वकील की ज़रूरत तो लगती ही है जो आरोपी को निर्दोष साबित कर सके और आसानी से ज़मानत दिलवा सकता हो। किसी भी अपराध के लिए एक ऐसे वकील को नियुक्त करना चाहिए जो पहले से अपने क्षेत्र में निपुण हो और आरोपी को ज़मानत दिलवा सकता हो। 

 Note:  इस अपराध से बचने का तरीका किसी की बातों में ना आए फिर चाहें वो कोई भी हो, क्या पता वो आपको बातों से बहला फुसला कर आपसे कोई अपराध करवा सकता है तो सतर्क रहे किसी की बातों में ना आए वहीं करें जो आपको सही लगता है और ना ही किसी को बहला फुसलाकर कुछ काम करने के लिए प्रेरित करें।

Conclusion

इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि कैसे आईपीसी धारा 508 (IPC section 508 in Hindi) में अपराध होता है, कैसे सजा सुनाई जाती है, कैसे जमानत होती है, कैसे एक वकील किसी भी आरोपी को बचा सकता है और कैसे इस अपराध को करने से बचा जा सकता है, सब कुछ बहुत ही आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है।

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