इस आर्टिकल में आज हम आपको बताएंगे कि दंड प्रक्रिया संहिता कि धारा 174 क्या है (What is CrPC section 174 in Hindi), दंड प्रक्रिया संहिता 174 किस प्रकार लागू होती है, इस धारा में क्या प्रावधान है, किस तरह आदेश दिए जाते हैं। दंड प्रक्रिया संहिता 174 क्या कहती है (What does CrPC section 174 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे बस आप आर्टिकल लास्ट तक पढ़ते रहना।
अक्सर हम देखते है कि कोई व्यक्ति किसी से परेशान होकर या किसी अत्याचार या जीवन में कोई मुश्किल परेशानी की वजह से आत्महत्या कर लेता है। या फिर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की हत्या कर देता है और उसे आत्महत्या का नाम दे देता है। अगर व्यक्ति खुद की मर्जी से आत्महत्या करता है तो ज्यादा जांच पड़ताल नहीं होती मगर पुलीस को शक होता है कि किसी उसकी हत्या की है तो फिर ऐसे मामलों की पूर्ण रूप से जांच की जाती है।
तो आज हम ऐसे ही एक धारा के बारे में जानेंगे और देखेंगे कि कैसे किसी भी दुर्घटना या आत्महत्या या फिर किसी ओर मामले में पुलिस किस तरह जांच करती है और आदेश देती है, सब कुछ विस्तार से जानेंगे तो आपको यह आर्टिकल अन्त तक पढ़ना है। ताकि आपको CRPC Section 174 in Hindi सब कुछ अच्छे से समझ में आ जाये।
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सीआरपीसी की धारा 174 क्या है (What is CrPC Section 174 in Hindi)
दंड प्रक्रिया संहिता कि धारा 174 के अनुसार: आत्महत्या, दुर्घटना आदि मामलों में पुलिस की जांच रिपोर्ट जारी करना
1 किसी भी पुलिस थाने का कोई भी अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा निमित्त विशेषतया सशक्त (विशेष रूप से वो व्यक्ति जिसके आदेश से कोई कार्य हो) किए गए किसी अन्य पुलिस अधिकारी को कहीं से यह सूचना मिलती है कि किसी व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली है या कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति द्वारा या जीव-जंतु द्वारा या किसी यंत्र द्वारा या दुर्घटना द्वारा मारा गया है।
या कोई व्यक्ति ऐसी स्थिति में मरा है जिससे यह साबित होता है कि किसी अन्य व्यक्ति ने उसकी हत्या की है तो वह मृत्यु की जांच करने के लिए पास के किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना देगा और जब तक राज्य सरकार द्वारा बताए गए किसी नियम द्वारा या जिला मजिस्ट्रेट के किसी साधारण या विशेष आदेश द्वारा या आदेश न हो वह उस स्थान पर जाएगा जहाँ ऐसे मृत व्यक्ति का शरीर है।
और वहां पड़ोस के दो या अधिक निवासियों की उपस्थिति में जांच करेगा और मृत्यु के मुख्य कारण की रिपोर्ट तैयार करेगा जिसमें ऐसे घावों, निशानों, नीलों और शरीर के अन्य चिह्नों का जो शरीर पर पाए जाएं, बताया जाएगा और यह कथन होगा कि ऐसे निशान किस प्रकार से और किस उपकरण या ओजार द्वारा (यदि कोई हो) किए गए दिखते हैं।
Eng When the officer in charge of a police station or some other police officer empowered by the State Government in that behalf receives information that a person has committed suicide, or has been killed by another or by an animal or by machinery or by an accident.
Or has died under circumstances raising a reasonable suspicion that some other person has committed an offence, he shall immediately give intimation thereof to the nearest Executive Magistrate empowered to hold inquests, and, unless otherwise directed by any rule prescribed by the State Government, or by any general or special order of the District.
Or Sub- divisional Magistrate, shall proceed to the place where the body of such deceased person is, and there, in the presence of two’ or more respectable inhabitants of the neighborhood, shall make an investigation, and draw up a report of the apparent cause of death.
Describing such wounds, fractures, bruises, and other marks of injury as may be found on the body, and stating in what manner, or by what weapon or instrument (if any); such marks appear to have been inflicted.
2 जिस रिपोर्ट पर ऐसे किसी पुलिस अधिकारी और अन्य व्यक्तियों द्वारा, या उनमें से जो उससे सहमत हैं, उसके द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे और वह जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट को तुरंत भेज दी जाएगी।
The report shall be signed by any police officer and other persons, or by so many of them as concur therein, and shall be forthwith forwarded to the District Magistrate or the Sub- divisional Magistrate.
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3 जब किसी मामले में,
➤ किसी स्त्री द्वारा उसकी शादी की तारीख़ से सात वर्ष के अन्दर आत्महत्या होती है;
➤ किसी स्त्री की उसकी शादी के सात वर्ष के अन्दर ऐसी परिस्थितियों में मृत्यु से संबंधित है जो यह पूर्ण रूप से यह संदेह उत्पन्न करती है कि किसी अन्य व्यक्ति ने इस स्त्री के संबंध में कोई अपराध किया है;
➤ किसी स्त्री की उसके शादी के सात वर्ष के अन्दर मृत्यु से संबंधित है और उस स्त्री के किसी रिश्तेदार ने उस व्यक्ति से निवेदन किया है;
➤ हत्या के कारण की कोई बात पर संदेह है ;
➤ कोई ओर कारण से पुलिस अधिकारी ऐसा करना उचित समझता है, तब ऐसे आदेशों का पालन करते हुए, जो राज्य सरकार द्वारा इस विचार से लागू किए जाएं, वह अधिकारी यदि मौसम ऐसा है और दूरी इतनी है कि रास्ते में शरीर के ऐसे सड़ने की जोखिम के बिना, जिससे उसकी परीक्षा व्यर्थ हो जाए, उसे भिजवाया जा सकता है तो शरीर को उसकी परीक्षा की दृष्टि से, किसी सिविल सर्जन के पास या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त नियुक्त अन्य किसी चिकित्सक के पास भेजेगा।
Eng
➤ The case involves suicide by a woman within seven years of her marriage;
➤ The case associates to the death of a woman within seven years of her marriage in any circumstances raising a reasonable suspicion that some other person committed an offense in relation to the woman;
➤ The case associates to the death of a woman within seven years of her marriage and any relative of the woman has made a request on this behalf;
➤ There is any doubt regarding the cause of death;
➤ The police officer for other reason believes that it expedient so to do, he shall. Subject to such rules as the State Government may prescribe in this behalf, forward the body, with a view to its being examined, to the nearest Civil Surgeon, or other qualified medical man appointed in this behalf by the State Government
if the state of the weather and the distance admit of its being so forwarded without risk of such putrefaction on the road as would render such examination useless.
4 निम्नलिखित मजिस्ट्रेट मृत्यु-समीक्षा करने के लिए सशक्त हैं, या कोई जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट और राज्य सरकार द्वारा या जिला मजिस्ट्रेट द्वारा इस निमित्त विशेषतया सशक्त किया गया कोई अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट।
The following Magistrates are empowered to hold inquests, namely, any District Magistrate or Sub- divisional Magistrate and any other Executive Magistrate empowered in this behalf by the State Government or the District Magistrate.
Example: रेनू ने किसी पारिवारिक समस्या के चलते अपने ही घर में पंखे में फंदा बनाकर फांसी लगा लेती है जब उसका पति ऑफिस से आकर देखता है तो रेनू को फंदे पर झूलता देखता है तो वो फौरन पुलिस को खबर करता है, जहां पुलिस रेनू की आत्महत्या पर सीआरपीसी की धारा 174 लगा कर केस दर्ज करती है और मामले की आगे जांच करने का आदेश देती है।
अगर पुलिस को किसी व्यक्ति की डेड बॉडी मिलती है और उसकी मौत का कारण देखने से पता चल रहा हो तो ऐसे में पुलिस धारा 174 लगा कर मामले की आगे की जांच कर रिपोर्ट तैयार करने को कहती है।
Conclusion
इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि कैसे सीआरपीसी की धारा 174 लागू होती है, कौनसे मामलों में सीआरपीसी की धारा 174 लगाई जाती है। कैसे पुलिस मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाती है। किस तरह आदेश लागू किए जाते है सब कुछ विस्तार से जाना बहुत ही आसान भाषा में, भले ही हमारे साथ ऐसा कुछ नहीं होता है मगर हमारा इन सभी बातों के बारे में जानना आवश्यक है।
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दंड प्रक्रिया संहिता कि धारा 174 क्या है (What is CrPC section 174 in Hindi), दंड प्रक्रिया संहिता 174 किस प्रकार लागू होती है, दंड प्रक्रिया संहिता 174 क्या कहती है (What does CrPC section 174 says in Hindi) हम उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और लाभकारी साबित हुआ होगा अगर आपको पसंद आया है तो अपने साथियों के साथ जरूर शेयर करें।