IPC 148 in Hindi – आईपीसी की धारा 148 क्या है पूरी जानकारी

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी धारा 148 क्या है। (What is IPC Section 148 in Hindi), आईपीसी धारा 148 में कैसे सजा होती है, आईपीसी धारा 148 कैसे इसमें जमानत होती है। (How is punishment and bail in IPC section 148 in Hindi) यह धारा क्या कहती है। (What does IPC section 148 says in Hindi), सब कुछ विस्तार से जानेंगे बस आप आर्टिकल लास्ट तक पढ़ते रहना।

दोस्तों हमने तो बहुत सी धाराओं, कानूनों, और अपराधों के बारे में जाना। हर एक अलग अपराध के लिए एक अलग सा कानून बनाया गया है, जिससे उस अपराध को अलग से पहचाना जा सकता है, और उस अपराध के लिए उस उपयुक्त धारा को लगा कर सजा सुनायी जा सके। दोस्तों कई बार आपने देखा होगा की आसपास जब कहीं दंगे हुए थे जिसमे बहुत से लोगो ने दंगे को बढ़ावा दिया था।

मतलब उस दंगे में आक्रोश बढ़ाया था।  कभी-कभी हमने ये भी देखा होगा के जब कही कुछ दंगे या विद्रोह होता है, तो आजकल कुछ लोग हथियार ले कर उस दंगे वाली जगह में पहुँच जाते है , अब वो हथियार का उपयोग अपराध को पूरा करने में करे या ना करे मगर ऐसी सब हथियार रखना ही एक अपराध है। तो दोस्तों आइये जानते है आज ऐसी ही अपराध और धारा के बारे में।

IPC 148 in Hindi

दोस्तों जैसा की आपने अभी ऊपर में पढ़ा की कोई धारदार चीजे या हथियार रखना ही एक अपराध में आता है। आज कल ऐसे बहुत से केस सुनने को मिल रहे है, जहाँ पर अपराध करने के लिए हथियार का उपयोग किया गया है या किसी दंगे में हिंसा बढ़ाने के लिए हथियार ले कर पहुंचा गया है।

दोस्तों घातक हथियार से हमला करना या उस घातक हथियार को लेकर घूमना जिससे किसी की मृत्यु होने की सम्भावना निश्चित है तब ऐसी स्थिति को अपराध की श्रेणी में रखते हुए भारतीय कानून ने इसके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा IPC 148 बनाया और इसमें दंड को भी शामिल किया।

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आईपीसी धारा 148 क्या है (What is IPC Section 148 in Hindi)

दोस्तों आगे बढ़ने से पहले हम इसे एक परिभाषा से समझते है , IPC Section 148 के तहत–  “ जो भी कोई घातक हथियार, या कोई ऐसी चीज, जिसे आक्रामक हथियार के रूप में उपयोग किए जाने पर मॄत्यु कारित होनी निश्चित हो, उससे सज्जित हो कर उपद्रव करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा। “ अब समझते है इसे हम थोड़े आसान तरीके से

तो दोस्तों भारतीय दंड संहिता की धारा IPC 148 ये कहती हैकी अगर कोई व्यक्ति कोई हथियार अब चाहे वो जो भी हो चाकू, तलवार या कुछ और घातक हथियार जिसे वो व्यक्ति ले कर घूमता है या उससे हमला करता है, जिससे किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु होने निश्चित है तब उस स्थिति में अपराधी पर धारा 148 लगाई जाएगी और उस अपराधी पर केस कर उचित दंड दिया जायेगा। 

 Eng:  Section IPC 148 of the Indian Penal Code says that if a person now has a weapon, whatever it may be, a knife, sword or some other deadly weapon that the person moves or attacks with, which leads to death of another If it is certain to happen, then in that case the offender will be charged Section 148 and the criminal will be punished with appropriate punishment.

 Example:  मान लो कोई व्यक्ति किसी दंगे में चाक़ू / छुरी या तलवार लेकर गया और वहाँ जा कर या तो वो अपना मकसद पूरा किया (वो मकसद शायद उसका किसी पर हमला करना था) या मान लो वो सिर्फ उस हथियार को ले कर घुमा मगर उपयोग नहीं किया। मगर इन दोनों स्थिति में ये तो 100% तय है के उस घातक हथियार से किसी की भी मृत्यु हो जाना ये निश्चित है ही, तब इन दोनों स्थिति में उस व्यक्ति पर IPC Section 148 लगाया जायेगा।  

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आईपीसी धारा 148 के तहत मिलने वाली सजा (Punishment in IPC Section 148 in Hindi)

किसी व्यक्ति के अपराध करने पर यदि धारा 148 लग जाए तो अपराध सिद्ध हो जाने पर उस अपराधी को तीन वर्ष का कारावास या फिर आर्थिक दंड या फिर दोनों से दण्डित किया जाता है। 

 NOTE:  दोस्तों सबसे पहले बात आती है की आईपीसी धारा 148 से कैसे बच सकते है तो सबसे पहले आपको कभी भी किसी झुण्ड में ऐसे औजार लेकर नहीं जाना है यानी की आपको इस तरह के अपराध से दुरी बनाये रखना है।

आईपीसी धारा 148 के तहत जमानत (Bail in IPC Section 148 in Hindi)

भारतीय दंड संहिता की धारा IPC 148 के तहत किया गया अपराध एक जमानती और संज्ञेय अपराध बताया गया है। अब इस तरह के जमानती और संज्ञेय अपराध में यदि किसी व्यक्ति ने अपराध किया है या किसी व्यक्ति द्वारा यह अपराध कारित किया जाता है, तब इस स्थिति में कोर्ट में याचिका दायर करने पर ही कोर्ट के ही द्वारा जमानत दी जा सकती है। 

आईपीसी धारा 148 के तहत वकील की आवश्यकता: चूँकि ये अपराध जमानतीय है मगर साथ ही साथ ये एक संज्ञेय अपराध भी है तो इसके लिए वकील की आवश्यकता होगी ही। वकील के द्वारा ही आप कोर्ट में याचिका दायर कर सकते है। 

आईपीसी धारा 148 के तहत केस कैसे दर्ज करवाएं: दोस्तों चूँकि इस धारा के अंतर्गत लगने वाला आरोप गंभीर है, ये एक संज्ञेय अपराध है तो पुलिस सीधा ही आरोपी को हिरासत में ले सकती है। संज्ञेय अपराध में पुलिस को किसी वारंट की जरुरत नहीं होती। संज्ञेय अपराध, गंभीर होते है और इस तरह के अपराध में पुलिस को तुरंत कार्य करना पड़ता है।

 NOTE:  दोस्तों इस धारा के तहत उस व्यक्ति को दंड मिलेगा और कार्यवाही की जाएगी जो घातक हथियार लेकर उपद्रव मचाया या जो ऐसे हथियार लेकर घूम रहा था या जिसने ऐसे घातक हथियार से किसी व्यक्ति पर हमला किया।

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आशा है की आपको आईपीसी धारा 148 क्या है? इससे सम्बंधित बहुत सी जानकारी आपको हुई होगी और साथ ही IPC की धारा 148 क्या कहती है? (What does section IPC 148 says in Hindi). इसकी जानकारी भी आपको मिल गयी होगी। तो अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो तो आप अपने दोस्तों के साथ जरूर इसे शेयर करें ताकि आपके दोस्त भी हमारे भारतीय दंड संहिता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।

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