आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी की धारा 430 क्या हैं (what is IPC section 430 in Hindi), आईपीसी की धारा 430 में कैसे अपराध होता है, कितनी सजा होती है (Punishment and Bail in IPC Section 430) यह अपराध जमानती है या नहीं है और अगर जमानती है तो जमानत कैसे होती है, एक वकील की जरूरत कब लगती है और इस अपराध को करने से कैसे बचा जा सकता है। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 430 क्या कहती है (what does IPC section 430 says in Hindi), इस धारा से जुड़ी सारी जानकारी आपको बताने की कोशिश करेंगे।
जब कोई व्यक्ति खेती करता है और उसके खेत में अच्छा उत्पादन होता है उससे पैसे की आमदनी अच्छी हो जाती है तो आसपास के लोग जिनके खेत में कुछ खास नहीं होता है तो वे लोग यह सोचने लग जाते हैं इस क्षेत्र में इतना उत्पादन कैसे हो रहा है और कैसे ना ऐसे करके उस को नुकसान पहुंचाने का सोचते हैं। या तो जानबूझकर उसके खेत में ऐसा कुछ कर देंगे जिससे उसके खेत में उत्पादन होना बंद हो जाएगा या फिर उत्पादन हुआ होगा उसको खराब कर देंगे। ऐसा सब करना तो आजकल आम बात हो गया है।
तो आज हम आपको ऐसे ही एक धारा के बारे में बताएंगे की कैसे किसी ऐसे कार्य के करने द्वारा रिष्टि करेगा, जिससे कृषिक प्रयोजनों के लिए, या मानव-प्राणियों के या उन जीव जन्तुओं के, जो जलप्रदाय में कमी आने पर क्या होता है। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 430 (IPC section 430 in Hindi) से जुड़ी सारी जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में बहुत विस्तार और आसान भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे तो आपको यह आर्टिकल अंत तक पढ़ना है।
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आईपीसी की धारा 430 क्या है (What is IPC Section 430 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता की धारा 430 के अनुसार जो कोई किसी ऐसे कार्य के करने द्वारा रिष्टि करेगा जिससे कृषिक प्रयोजनों के लिए या मानव-प्राणियों के या उन जीव जन्तुओं के जो सम्पत्ति है। खाने या पीने के या सफाई के या किसी विनिर्माण को चलाने के जलप्रदाय में कमी कारित होती हो या कमी कारित होना वह सम्भाव्य जानता हो, तो ऐसे किसी व्यक्ति को पांच वर्ष की कारावास से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
आसान भाषा में समझाने की कोशिश करें तो अगर कोई व्यक्ति किसी भी नाहर तालाब से खेत में पानी जाने से रोकता है या किसी भी पशुओं और जीव-जंतुओं को पानी पीने से रोकता है या किसी के निर्माण कार्य में उपयोग हो रहे पानी को आने से रोकता है तो ऐसे किसी व्यक्ति पर धारा 430 लागू होती है और इसी धारा के अंतर्गत उसे सजा सुनाई जाती है।
Example: किशन के खेत में काफ़ी अच्छा उत्पादन होता है जिसके चलते आसपास के लोग उससे काफी जलते हैं और सोचते हैं कि इस क्षेत्र में इतना अच्छा उत्पादन कैसे होता है। किसी दिन किसान अपने खेत में सिंचाई कर रहा होता है और उसके पड़ोस का ही एक व्यक्ति उसके खेत में पानी आने से रोक देता है यानी कि उसकी मोटर में कुछ ऐसा कर देता है जिससे पानी ही नहीं आता है।
जब किशन को इस बात का पता चलता है तो वह पुलिस में शिकायत दर्ज कर देता है और पुलिस आकर उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेती है और उस व्यक्ति के ऊपर धारा 430 लगाकर उसे न्यायालय में पेश कर किया जाता है जहां उसे सजा सुनाई जाती है।
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आईपीसी की धारा 430 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC Section 430 in Hindi)
IPC Section 430 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी भी नाहर तालाब से खेत में पानी जाने से रोकता है या किसी भी पशुओं और जीव-जंतुओं को पानी पीने से रोकता है या किसी के निर्माण कार्य में उपयोग हो रहे पानी को आने से रोकता है तो ऐसे किसी व्यक्ति को 5 साल की सजा और आर्थिक जुर्माना लगाकर दंडित किया जाता है। यह एक गैर संज्ञेय अपराध है और समझौता करने योग्य नहीं है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 430 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC section 430 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता की धारा 430 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी भी नाहर तालाब से खेत में पानी जाने से रोकता है या किसी भी पशुओं और जीव-जंतुओं को पानी पीने से रोकता है या किसी के निर्माण कार्य में उपयोग हो रहे पानी को आने से रोकता है तो ऐसे किसी व्यक्ति को 5 साल की सजा और आर्थिक जुर्माना लगाकर दंडित किया जाता है। यह एक जमानती अपराध है, इस अपराध में किसी भी अपराधी को आसानी से जमानत मिल जाती है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं होता है और किस भी मजिस्ट्रेट द्वारा काफी विचारणीय होता है। ऐसे में अपराधी अपनी जमानत की याचिका उच्च न्यायालय में पेश करता है तो उसकी जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया जाता है और जमानत मंजूर कर दी जाती हैं।
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वकील की जरूरत कब लगती है।
IPC Section 430 के अनुसार यह एक जमानती अपराध है मगर किसी भी अपराधी को जमानत लेने के लिए एक वकील की जरूरत तो लगती ही है जो उसे जमानत दिलवा सकें। ऐसे अपराधों में आरोपी को निर्दोष करना काफी मुश्किल होता है तो उसे सिर्फ एक वकील ही बचा सकता है जो उसे निर्दोष साबित कर जमानत दिलवा सके।
किसी भी केस को सुलझाने के लिए एक ऐसे वकील को नियुक्त करना चाहिए जो अपने क्षेत्र में निपुण हो और अपराधी को निर्दोष साबित कर उसे जमानत दिलवा ने में मददगार साबित हो सके।
Note: अगर आप IPC Section 430 से बचना चाहते है तो इसके लिए आपको कभी भी किसी के खेती पे जलना नहीं चाहिए। यानी की अगर आपके आस पास के लोगों की खेती बहुत अच्छी हो रही है तो उसका नुक्सान न करे बल्कि उसे सहयोग करें।
FAQ’s
1 भारतीय दण्ड संहिता की धारा 430 क्या है।
Ans. भारतीय दंड संहिता की धारा 430 यह हैं कि यदि कोई व्यक्ति किसी के खेत में पानी जाने से रोकता है या किसी जीव जंतु या पशु को पानी पीने से रोकता है।
2 भारतीय दंड संहिता की धारा 430 में सजा का क्या प्रावधान है।
Ans. भारतीय दंड संहिता की धारा 430 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी के खेत में पानी जाने से रोकता है या किसी जीव जंतु या पशु को पानी पीने से रोकता है तो ऐसे व्यक्ति को 5 वर्ष की सजा सुनाई जाती है।
3 भारतीय दंड संहिता की धारा 430 में जमानत का क्या प्रावधान है।
Ans. भारतीय दंड संहिता की धारा 430 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी के खेत में पानी जाने से रोकता है या किसी जीव जंतु या पशु को पानी पीने से रोकता है तो ऐसे व्यक्ति को 5 वर्ष की सजा सुनाई जाती है। यह एक जमानती अपराध है, इसमें किसी भी अपराधी को आसानी से जमानत मिल जाती हैं।
4 भारतीय दंड संहिता की धारा 430 में जमानत कैसे मंजूर की जाती हैं।
Ans. भारतीय दंड संहिता की धारा 430 के अनुसार यह एक ज़मानती अपराध है जिसके चलते इसमें जमानत आसानी से मिल जाती है, तो इस अपराध में जमानत लेने के लिए एक अनुभवी वकील को नियुक्त करना पड़ता है। वही जमानत दिलवा सकता है।
5 भारतीय दंड संहिता की धारा 430 संज्ञेय अपराध है या गैर – संज्ञेय अपराध?
Ans. भारतीय दंड संहिता धारा 430 एक संज्ञेय अपराध है।
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Conclusion
इस आर्टिकल में हमने बताया कि कैसे किसी के खेत में पानी जाने से रोकने पर या किसी पशु या जीवजंतु को पानी पीने से रोकने पर क्या होता है, कितनी सजा होती है, जमानत कैसे मंजूर की जाति है और कैसे वकील मददगार साबित हो सकता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 430 (IPC section 430 in Hindi) से जुड़ी सारी जानकारी हमने आपको बहुत ही विस्तार और आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है।
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