आज की इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आईपीसी की धारा 449 क्या हैं (what is IPC section 449 in Hindi), आईपीसी की धारा 449 में कैसे अपराध होता है, (Punishment and Bail in IPC Section 449) कितनी सजा होती है, यह अपराध जमानती है या नहीं है और अगर जमानती है तो जमानत कैसे होती है, एक वकील की जरूरत कब लगती है और इस अपराध को करने से कैसे बचा जा सकता है। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 449 क्या कहती है (what does IPC section 449 says in Hindi), इस धारा से जुड़ी सारी जानकारी आपको बताने की कोशिश करेंगे।
अक्सर ऐसा होता है कि किसी सनाटे घर को देखकर उसमें कोई घुस जाता है और चोरी करने का इरादा रखता है। बिना अनुमति के किसी के घर में घुस ना एक अपराध है यदि वह घुसते हुए पकड़ा जाता है तो उसे काफी कठिन कारावास की सजा सुनाई जाती है क्योंकि बिना अनुमति के घुसने पर खतरा हो सकता है। भले उस व्यक्ति का इरादा कुछ चोरी करना या डकैती करने का नहीं हो मगर फिर भी यह अपराध माना जाता है।
तो आज हम आपको ऐसे ही एक धारा के बारे में बताएंगे कि कैसे मौत से दंडनीय अपराध के आयोग के आदेश में घर-अतिचार करने पर क्या होता है। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 449 (IPC section 449 in Hindi) से जुड़ी सारी जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में बहुत विस्तार और आसान भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे तो आपको यह आर्टिकल अंत तक पढ़ना है।
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आईपीसी की धारा 449 क्या है (What is IPC Section 449 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता की धारा 449 के अनुसार जो कोई व्यक्ति मॄत्यु से दंडनीय कोई अपराध करने के लिए गॄह-अतिचार करेगा तो ऐसे किसी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा कठिन कारावास से जिसकी अवधि 10 वर्ष से अधिक नहीं होगी और आर्थिक जुर्माना लगाकर दंडित किया जाता हैं।
आसान भाषा में समझाने की कोशिश करें तो यदि कोई भी व्यक्ति मृत्यु से दंडनीय अपराध करने के लिए किसी के घर में छुपकर घुस जाने वाले व्यक्ति और यदि इरादा चोरी का तो यह धारा 449 लागू की जाती है और इस धारा के अनुसार उसे दंडित किया जाता है।
Example राजू अपना बदला लेने के लिए अपने पड़ोस के व्यक्ति के घर में घुस जाता है और उस व्यक्ति को मारने का इरादा रखता है। राजू उस व्यक्ति के घर में चुपके से घुसता है और उस व्यक्ति पर प्रहार ही करने वाला होता है कि पीछे से कोई आ जाता है और राजू को देख लेता है और चिल्लाने लग जाता है। इतने में घर के बाकी लोग भी आ जाते हैं और राजू को रंगे हाथ पकड़ लेते हैं, राजू को पुलिस के हवाले कर दिया जाता है और उस पर धारा 449 लगाकर इस धारा के अंतर्गत सजा सुनाई जाती है।
आईपीसी की धारा 449 में सजा का प्रावधान (Punishment in IPC section 449 in Hindi)
IPC Section 449 के अनुसार जो भी कोई व्यक्ति मृत्यु से दण्डनीय अपराध करने के लिए छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करता है, तो ऐसे किसी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा कठिन कारावास जिसकी अवधि 10 वर्ष से अधिक नहीं होगी और आर्थिक जुर्माना लगाकर दंडित किया जाता हैं।
यह एक संज्ञेय अपराध है और समझौता करने योग्य नहीं है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
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आईपीसी की धारा 449 में जमानत का प्रावधान (Bail in IPC Section 449 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता की धारा 449 के अनुसार जो भी कोई व्यक्ति मृत्यु से दण्डनीय अपराध करने के लिए छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करता है, तो ऐसे किसी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा अधिकतम 9 वर्ष की कारावास और आर्थिक जुर्माना लगाकर दंडित किया जाता हैं। यह एक गैर जमानती अपराध है, इस अपराध में किसी भी अपराधी को जमानत मिलना काफी मुश्किल होता है।
ऐसे किसी के भी घर में चुपके से घुस जाना अपराध माना जाता है। ऐसे में किसी भी अपराधी का बचना काफी मुश्किल होता है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं होता है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा काफी विचारणीय होता है। ऐसे अपराध में किसी भी अपराधी को जमानत मिलने में काफी समय लग जाते हैं।
वकील की जरूरत कब लगती है।
IPC Section 449 के अनुसार किसी के घर में बिना अनुमति के घुसने वाले व्यक्ति को कठिन कारावास की सजा से दंडित किया जाता है और यह अपराध एक गैर जमानती अपराध है जिसमें किसी भी अपराधी को जमानत मिलना काफी मुश्किल होता है तो किसी भी अपराधी को जमानत लेने के लिए एक वकील की जरूरत लगती है जो उसे आसानी से जमानत दिलवाने में मददगार साबित हो सके।
ऐसे में किसी भी अपराधी को जमानत वहीं वकील दिलवा सकता है जो अपने क्षेत्र में निपुण हो और सारे रास्ते जानता हो कि कैसे किसी अपराधी को निर्दोष साबित किया जा सकता है। ऐसा ही बच्चे अपराधी को जल्दी जमानत दिलवाने में मददगार साबित हो सकता है।
Note: इस अपराध से बचने का तरीका यह है कि किसी के घर में बिना अनुमति के नहीं जाए , अगर आप चुप के से जाते है तो आप पर शिकायत दर्ज की जा सकती हैं और सजा भी सुनाई जा सकती हैं तो बेहतर है ऐसा कुछ काम नहीं करें।
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FAQ’s on IPC Section 449
Q1. भारतीय दण्ड संहिता की धारा 449 क्या है।
Ans. भारतीय दंड संहिता की धारा 449 यह हैं कि यदि कोई व्यक्ति किसी के घर में बिना अनुमति के चुपके से घूस जाता है तो ऐसे व्यक्ति पर धारा लागू होती है।
Q2. भारतीय दंड संहिता की धारा 449 में सजा का क्या प्रावधान है।
Ans. भारतीय दंड संहिता की धारा 449 के अनुसार यदि कोई मृत्यू से दंडनीय किसी के घर में चुपके से घुस जाता है तो ऐसे व्यक्ति को अधिकतम 9 वर्ष की कारावास से दंडित किया जाता है।
Q3. भारतीय दंड संहिता की धारा 449 में जमानत का क्या प्रावधान है।
Ans. भारतीय दंड संहिता की धारा 449 के अनुसार यदि कोई किसी के घर में चुपके से घुस जाता है तो ऐसे व्यक्ति को कारावास से दण्डित किया जाता है और यह अपराध एक गैर ज़मानती अपराध है।
Q4. भारतीय दंड संहिता की धारा 449 में जमानत कैसे मंजूर की जाती हैं।
Ans. भारतीय दंड संहिता की धारा 449 के अनुसार यह एक गैर ज़मानती अपराध है जिसके चलते इसमें जमानत मिलना काफ़ी मुश्किल होता है, तो इस अपराध में जमानत लेने के लिए एक अनुभवी वकील को नियुक्त करना पड़ता है। वहीं जमानत दिलवा सकता है।
Q5. भारतीय दंड संहिता की धारा 449 संज्ञेय अपराध है या गैर – संज्ञेय अपराध?
Ans. भारतीय दंड संहिता धारा 449 एक संज्ञेय अपराध है।
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Conclusion
इस आर्टिकल में हमने बताया कि कैसे कारावास से दण्डनीय अपराध के लिए छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेद करने पर क्या होता है, कितनी सजा होती है, जमानत मिलना कितना मुश्किल होता है और कैसे वकील मददगार साबित हो सकता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 449 (IPC section 449 in Hindi) से जुड़ी सारी जानकारी हमने आपको बहुत ही विस्तार और आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है।
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